इकोनॉमिक सर्वे की रोशनी में कैसा हो सकता है आम बजट? पढ़िए एक्सपर्ट की राय
जानिए अर्थशास्त्री पेश होने वाला आम बजट को किस नजर से देख रहे हैं।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2017 पेश किया। इस आर्थिक सर्वेक्षण को अर्थशास्त्री अर्थव्यवस्था की सही तस्वीर मान रहे हैं। साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण की रोशनी में यह उम्मीद लगा रहे हैं कि बुधवार को पेश होने वाला आम बजट वित्तीय घाटे को ध्यान में रखते हुए सरकारी खर्च पर जोर देने वाला होगा।
सर्वेक्षण पर अर्थशास्त्री का नजरिया
राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान की सलाहकार राधिका पांडे के मुताबिक यह इकोनॉमिक सर्वे मौजूदा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अर्थव्यवस्था की सही तस्वीर पेश करता है। मसलन, अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी के सही असर को इकोनॉमिक सर्वे में आसानी से समझा जा सकता है। राधिका के मुताबिक आर्थिक सर्वेक्षण में नोटबंदी के असर को कम करने के लिए सुझाव भी दिये गए हैं। उम्मीद है कि सरकार इन सुझावों पर कुछ विचार करेगी, जिसकी झलक बुधवार को पेश होने वाले आम बजट में दिखेगी।
इकोनॉमिक सर्वे की रोशनी में आम बजट?
राधिका के मुताबिक आर्थिक सर्वेक्षण को ध्यान में रखते हुए अगर बजट का अनुमान लगाया जाए तो यह वित्तीय घाटे को ध्यान में रखते हुए सरकारी खर्च पर जोर देने वाला होगा। सरकारी ऐसे सेक्टर्स पर खर्च करने का प्रयास करेगी जहां से नौकरियों में बढ़ोतरी हों और अर्थव्यवस्था को सहारा मिले। गौरतलब है कि आर्थिक सर्वेक्षण में मौजूदा वित्त वर्ष में औद्योगिक क्षेत्र की ग्रोथ रेट घटकर 5.2 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है। जबकि बीते वर्ष में यह 7.4 फीसद रही थी।
सब्सिडी पर नहीं होगा जोर
वित्तीय घाटे को काबू में रखने की चुनौती और अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए बड़े सरकारी खर्च की दरकार के बीच उम्मीद है कि सरकार सब्सिडी देने वाली योजनाओं पर ज्यादा जोर नहीं देगी। साथ ही नोटबंदी का असर कम करने के लिए निश्चित तौर पर कुछ घोषणाएं की जा सकती हैं।