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सरकार की नीतियों का असर, छोटे शहरों में आइटी सेक्टर लाएगा नौकरियों की बहार

नैस्कॉम के तहत वर्ष 2025 तक देश में 25 से 30 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे

By Surbhi JainEdited By: Published: Wed, 24 May 2017 12:41 PM (IST)Updated: Wed, 24 May 2017 12:41 PM (IST)
सरकार की नीतियों का असर, छोटे शहरों में आइटी सेक्टर लाएगा नौकरियों की बहार

नई दिल्ली (जेएनएन)। देश के छोटे शहरों में आइटी सेक्टर में अवसर उपलब्ध कराने की सरकार की नीति से नौकरियों की बहार आ रही है। इस नीति के तहत पटना, वाराणसी, दलसिंह सराय और भागलपुर के बाद सरकार ने उन्नाव, गाजीपुर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर और सिलीगुड़ी में भी बीपीओ शुरू करने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्सं ऑफ इंडिया (एसटीपीआइ) भी छोटे शहरों में युवाओं को प्रशिक्षण देने वाले केंद्र स्थापित कर रहा है।

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हाल ही में आइटी सेक्टर में छंटनी की खबरों को नकारते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नैस्कॉम भी इस बात से इन्कार कर चुका है। इसके विपरीत आइटी सेक्टर में नौकरियों के अवसर बढ़ रहे हैं। बड़ी आइटी कंपनियां भी नए लोगों को नौकरी पर रख रही हैं। नैस्कॉम के मुताबिक 2025 तक देश में 25 से 30 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

प्रसाद ने कहा कि देश के आइटी और बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिग) सेक्टर का आकार 2017 में 37 अरब डॉलर का हो जाएगा। इससे इस क्षेत्र में नई नौकरियां पैदा होंगी। देश में कॉमन सर्विस सेंटरों (सीएससी) ने स्थानीय स्तर पर 10 लाख नौकरियां उपलब्ध कराई हैं। अधिकांश नौकरियां ग्रामीण स्तर पर दी गई हैं। देश में सीएससी की संख्या ढाई लाख है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रलय के अधीन आने वाला एसटीपीआइ बीपीओ प्रमोशन स्कीम चलाता है। इस स्कीम के तहत देश में 2017-18 में 48,000 बीपीओ सीट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। पटना और वाराणसी में एक-एक हजार सीटों वाले बीपीओ स्थापित किए जा चुके हैं। अब दूसरे छोटे शहरों में 100 सीट वाले बीपीओ शुरू करने की योजना है।

प्रसाद के मुताबिक, बीते 30 महीने में 72 नई मोबाइल कंपनियों ने देश में मैन्यूफैक्चरिंग शुरू की है। इनमें करीब एक लाख प्रत्यक्ष और तीन लाख परोक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। हाल ही में आइफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल ने भी बेंगलुरु में हैंडसेट का निर्माण शुरू किया है।


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