बुजुर्गों की पांच लाख की जमा राशि की नहीं होगी जांच, स्रोत बताने पर आयकर विभाग नहीं करेगा सत्यापन
नोटबंदी के फैसले के बाद 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की ओर से जमा की गई 5 लाख तक की जमा राशि की जांच नहीं की जाएगी।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की ओर से जमा की गई 5 लाख तक की जमा राशि की जांच नहीं की जाएगी। ऐसे लोगों की ओर से बैंक में जमा की गई राशि पर आयकर विभाग आगे कोई सत्यापन नहीं करेगा। लेकिन अन्य लोगों के लिए यह सीमा 2.5 लाख रुपए रखी गई है। गौरतलब है कि आयकर विभाग ने हाल ही में करीब 18 लाख करदाताओं को चिन्हित कर उन्हें ई-मेल और एसएमएस भेजकर जमा राशि पर सफाई देने को कहा है।
क्या कहा वित्त मंत्रालय ने:
वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, “घबराने की कोई वजह नहीं है। हम 8 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के दौरान बैंक खातों में राशि जमा करवाने वाले हर व्यक्ति के पीछे नहीं पड़ रहे हैं। इनकम टैक्स विभाग किन जमाओं की लिए सत्यापन करेगा इसके लिए एक स्पष्ट सीमा तय की गई है। मैं यह दोहराता हूं कि यह केवल सत्यापन के लिए है न कि जांच या आकलन के लिए।”
ऑनलाइन किया जाएगा सत्यापन:
नोटबंदी की अवधि के दौरान खाते में जमा रकम का ऑनलाइन सत्यापन किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि 70 वर्ष या इससे अधिक उम्र के जिस भी व्यक्ति ने 2.5 लाख रुपए से अधिक की नकदी जमा करवाई है, वे विभाग की वेबसाइट पर जाकर धन के स्रोत के बारे में बता सकते हैं। अगर खाते में जमा की गई राशि का विवरण पहले के इनकम टैक्स रिटर्न से मेल खाती है तो सत्यापन को उसी समय अपने आप रोक दिया जाएगा। हालांकि अगर जमाकर्ता सत्यापन नहीं करवाता है या उसकी जमा पर किसी भी तरह का संदेह होता है या उसकी ओर से जमा की गई राशि आय के ज्ञात स्रोत से मेल नहीं खातीं है तो उससे आगे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।