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निवेशकों से अपने शेयर वापस खरीदेगी इन्फोसिस, सिक्का के इस्तीफे के अगले दिन लिया फैसला

सिक्का के इस्तीफे के ठीक एक दिन बाद कंपनी ने निवेशकों के लिए एक बड़ी घोषणा की है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 19 Aug 2017 01:09 PM (IST)Updated: Sun, 20 Aug 2017 12:18 PM (IST)
निवेशकों से अपने शेयर वापस खरीदेगी इन्फोसिस, सिक्का के इस्तीफे के अगले दिन लिया फैसला
निवेशकों से अपने शेयर वापस खरीदेगी इन्फोसिस, सिक्का के इस्तीफे के अगले दिन लिया फैसला

नई दिल्ली (जेएनएन)। इंफोसिस के एमडी व सीईओ विशाल सिक्का के इस्तीफा के अगले दिन ही कंपनी ने अपने शेयरों के बायबैक प्रस्ताव को लागू कर दिया है। देश की दूसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी के निदेशक बोर्ड ने शनिवार को पूर्व योजना के मुताबिक 13 हजार करोड़ रुपये के बायबैक को मंजूरी दे दी है। निवेशकों से 1150 रुपये की कीमत पर कंपनी 11.3 करोड़ शेयर वापस खरीदेगी। कई तरह की चुनौतियों से जूझ रही इंफोसिस ने बायबैक का प्रस्ताव दूरगामी नीति के तहत लागू किया है। कंपनी को विश्वास है कि इससे वह आने वाले दिनों में अपनी क्षमता व प्रदर्शन को बेहतर कर सकेगी।

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इंफोसिस के 36 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब कंपनी अपने शेयरों की वापस खरीद करेगी। यह हाल के समय में यह दूसरी बड़ी आइटी कंपनी है जिसने शेयरों का बायबैक का एलान किया है। इसके पहले टाटा समूह की टीसीएस ने 16,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों का बायबैक किया था। दरअसल आइटी कंपनियां कई तरह की चुनौतियों से जूझ रही हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि बड़ा निवेश आधार इनके फैसले लेने की गति को प्रभावित कर रहा है। साथ ही आने वाले दिनों में आइटी कंपनियों को अपने कारोबार में बहुत बड़े बदलाव करने की भी जरूरत होगी। छोटा निवेश आधार होने से इन कंपनियों के लिए तेजी से बदलाव करना आसान होगा। साथ ही कंपनी की प्रति शेयर आय में इजाफा करना भी सरल होगा। इससे कंपनी का बाजार मूल्यांकन बढ़ सकेगा। बहरहाल, इंफोसिस अपनी चुकता पूंजी की 4.9 फीसद हिस्सेदारी के बराबर इक्विटी शेयरों का बायबैक करेगी।

इस्तीफे के बाद इंफोसिस के शेयर्स में दिखी गिरावट:

शुक्रवार को सिक्का के इस्तीफे के बाद इन्फोसिस के शेयर मूल्यों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। इसके शेयर के भाव 923 रुपये पर बंद हुए थे। इस हिसाब से देखा जाए तो 1150 रुपये की कीमत (25 फीसद प्रीमियम) काफी अच्छा है। हालांकि शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि लंबी अवधि को देखते हुए यह बहुत आकर्षक प्रस्ताव नहीं है। कंपनी चुनौतियों से घिरी हुई है, लेकिन इसकी क्षमता को लेकर अभी भी बाजार में भरोसा है। इन्फोसिस ने चार वर्षो के भीतर अपने कारोबार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और कई लोग मानते हैं कि वह इसे हासिल भी कर सकती है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में कंपनी बहुत ही गोपनीय तरीके से काम कर रही है। बाजार में इसकी भी चर्चा है कि इन्फोसिस और अमेरिकी कंपनी एप्पल के बीच भी एक भावी गठजोड़ की बात हो रही है। भारत सरकार जिस तरह से डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा दे रही है, उसे देखते हुए इन्फोसिस को घरेलू बाजार में भी काफी मांग मिलने के आसार हैं। इन सब वजहों से इन्फोसिस के शेयरों के भावी भाव ज्यादा लगाए जा रहे हैं।

एक शेयर के मिलेंगे 1,150 रुपये, दीर्घकालिक योजना का हिस्सा: अमेरिकी लॉ फर्मो ने विशाल सिक्का के इस्तीफे से इंफोसिस के निवेशकों को हुए नुकसान के दावों की जांच कर रही हैं। इनमें ब्रोंसटाइन, गेविट्ज एंड ग्रॉसमैन, रोजेन लॉ फर्म, पोमेंरांट्ज लॉ फर्म और गोल्डबर्ग लॉ पीसी शामिल हैं। इन फर्मो ने कहा कि वे कंपनी के निवेशकों के नुकसान की भरपाई के लिए मुकदमे की तैयारी कर रही हैं। यह भी जांच की जा रही है कि क्या इंफोसिस और उसके कुछ अफसरों या डायरेक्टरों ने अमेरिकी प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन किया है।

बीएसई को दी जानकारी: इंफोसिस की ओर से बीएसई को दी गई जानकारी में कहा गया है कि कंपनी 11,30,43,478 करोड़ शेयर, जो चुकता इक्विटी पूंजी के 4.92 प्रतिशत के बराबर हैं, को टेंडर रूट के जरिए वापस खरीदेगी। ओवरऑल, बायबैक का ऑफर साइज कंपनी की कुल चुकता इक्विटी पूंजी और फ्री रिजर्व के 20.51 फीसद के बराबर है।

क्या है बायबैक का मूल्य: बायबैक का मूल्यक बीएसई पर शुक्रवार को बंद हुए कंपनी के शेयर भाव 923.10 रुपए से 25 फीसद अधिक रखा गया है। इसके अलावा बायबैक का मूल्यब पिछले तीन महीनों में शेयर के औसत मूल्या से 19.08 फीसद अधिक है।


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