नोटबंदी का पेप्सिकों के कारोबार पर लंबे समय तक असर रहेगा: इंदिरा नूई
केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले का असर पेप्सिको के कारोबार पर भी पड़ा है और यह असर लंबें समय तक रहेगा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले का असर पेप्सिको के कारोबार पर भी पड़ा है और यह असर लंबें समय तक रहेगा। दिसंबर 2016 में खत्म हुई आखिरी तिमाही में भारत में पेप्सिको का कारोबार प्रभावित हुआ था और इसका असर अब तक बना हुआ है। यह बात खुद पेप्सिको की भारतीय मूल की सीईओ इंदिरा नूई ने कही है। नोटबंदी का पेप्सी के शीतल पेय और स्नेक्स के कारोबार पर पड़ने वाले असर पर नूई ने बताया कि भारत सरकार के इस फैसले का प्रभाव अभी तक जारी है।
क्या कहा इंदिरा नूई ने:
तीसरी तिमाही में प्राप्त मुनाफे के बारे में नूई ने कहा, ‘‘नोटबंदी से लगभग पूरा उद्योग जगत, खासकर डिब्बाबंद उपभोक्ता सामान वाला क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इसके चलते खुदरा व्यापारियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। अंतिम तिमाही में नोटबंदी का भारत में पेप्सी के कारोबार पर भी असर पड़ा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में वह अभी भी अनिश्चित हैं कि संकट का दौर समाप्त हुआ है या नहीं। नीति के क्रियान्वयन की अपनी चुनौतियां जरूर होती हैं, हालांकि उन्हें उम्मीद है कि इस वर्ष जून में खत्म होने वाली दूसरी तिमाही तक सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
पेप्सिको को वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में 19.51 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ है जो कि बीते वर्ष समान अवधि में 18.58 अरब डॉलर था। यह पांच फीसदी अधिक है। हालांकि इस दौरान कुल आय में 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।