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विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर भारत-ब्रिटेन में सहमति

भारत और ब्रिटेन के बीच सहमति बन गई है कि वे प्रत्यर्पण के प्रस्तावों को जल्द निबटा लेंगे।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 10:59 AM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 11:57 AM (IST)
विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर भारत-ब्रिटेन में सहमति
विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर भारत-ब्रिटेन में सहमति

नई दिल्ली: विजय माल्या ने भारत से भागकर ब्रिटेन में इसलिए शरण ली थी कि वहां से कानूनी तौर पर किसी को भारत लाना बहुत मुश्किल है, लेकिन निकट भविष्य में उनकी यह सोच गलत साबित हो सकती है। भारत और ब्रिटेन के बीच सहमति बन गई है कि वे प्रत्यर्पण के प्रस्तावों को जल्द निबटाने का रास्ता निकालेंगे। साथ ही एक दूसरे देश में फंसे कानूनी मामलों का भी जल्द हल निकालने के लिए एक दूसरे का सहयोग करेंगे।

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भारत और ब्रिटेन के बीच मंगलवार को प्रत्यर्पण व द्विपक्षीय कानूनी सहायता पर विचार विमर्श हुआ, जिसमें विजय माल्या के मुद्दे पर भी चर्चा हुई है। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पासपोर्ट व वीजा) की अगुआई में हुई बैठक में भारतीय दल में गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय, सीबीआइ, प्रवर्तन निदेशालय व कुछ राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल थे। जबकि ब्रिटिश दल में वहां के गृह मंत्रालय व क्राउन प्रॉसीक्यूशन सेवा के प्रतिनिधियों के अलावा कुछ अन्य अधिकारी भी शामिल थे।

नवंबर, 2016 में ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे की भारत यात्र के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में यह मामला उठा था कि दोनों देशों के बीच अपराधियों के प्रत्यर्पण को लेकर और सहयोग स्थापित होना चाहिए। उसके बाद ही यह बैठक हुई है। विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक दोनों पक्ष प्रत्यर्पण के मामले में होने वाली देरी और इस बारे में विश्वस्तरीय मापदंडों का अध्ययन करेंगे और उसे लागू करेंगे ताकि अपराधियों पर जल्द से जल्द कानूनी शिकंजा कसा जा सके। तय किया गया है कि इस बारे में जो भी प्रगति होगी उसे हर छह महीने पर एक दूसरे को जानकारी दी जाएगी।

भारतीय बैंकों से तकरीबन 9000 करोड़ रुपये लेकर फरार विजय माल्या अभी ब्रिटेन में हैं। उनका मामला भारत में एक बड़ा राजनीतिक विषय बना हुआ है। केंद्र सरकार व प्रमुख विपक्षी दल उनके देश से भागने को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं, जबकि देश के कई न्यायालयों के अलावा सीबीआइ व प्रवर्तन निदेशालय में भी माल्या के खिलाफ मामला चल रहा है।

शराब उद्यमी विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आग्रह संबंधी आवेदन 09 फरवरी, 2017 को विदेश मंत्रलय ने ब्रिटिश सरकार को भेजा है। वैसे ब्रिटेन के प्रत्यर्पण कानून काफी पेचीदा हैं जिसकी वजह से वहां से अपराधियों को भारत लाना तकरीबन नामुमकिन होता है। अब जबकि दोनों देशों के बीच नई सहमति बनी है, तो देखना होगा कि माल्या की तरकीब उन्हें कब तक बचा पाती है।


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