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FDI के मामले में लगातार दूसरे साल भारत टॉप पर, 2016 में आया सबसे ज्यादा विदेशी निवेश

भारत 62 अरब डॉलर के FDI के साथ पहले नंबर पर, वहीं चीन दूसरे स्थान पर है

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 10:43 AM (IST)Updated: Fri, 26 May 2017 10:43 AM (IST)
FDI के मामले में लगातार दूसरे साल भारत टॉप पर, 2016 में आया सबसे ज्यादा विदेशी निवेश
FDI के मामले में लगातार दूसरे साल भारत टॉप पर, 2016 में आया सबसे ज्यादा विदेशी निवेश

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत में वर्ष 2016 के दौरान भी दुनिया का सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) आया। इसके साथ ही ग्रीनफील्ड यानी नए प्रोजेक्टों के लिए एफडीआइ के मामले में उसने लगातार दूसरे साल अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। बीते साल देश को 62 अरब डॉलर का एफडीआइ हासिल हुआ। इस मामले में चीन 59 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के साथ दूसरे नंबर पर है। पिछले साल 48 अरब डॉलर के आंकड़े के साथ अमेरिका इस मामले में तीसरे नंबर पर रहा। फाइनेंशियल टाइम्स से जुड़ी एफडीआइ इंटेलीजेंस की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

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रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 के दौरान भारत में 809 परियोजनाओं के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया। इस दौरान पूंजीगत निवेश के हिसाब से एफडीआइ दो फीसद बढ़कर 62.3 अरब डॉलर हो गया। दुनिया भर में ग्रीनफील्ड एफडीआइ छह फीसद बढ़कर 776.2 अरब डॉलर के आंकड़े पर पहुंच गया। इसके चलते विश्व में पैदा होने वाली नई नौकरियां पांच फीसद बढ़कर 20 लाख से ज्यादा रहीं। जहां तक किसी सेक्टर में पूंजीगत निवेश का सवाल है, तो रियल एस्टेट इस मामले में सबसे आगे रहा।

वित्त वर्ष 2017 में एफडीआई में आया 9 फीसद का उछाल

केंद्र सरकार की ओर से किए गए सुधार उपायों के कारण 2016-17 में भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की वृद्धि दर 9.4 फीसद बढ़कर 43.48 अरब डॉलर हो गई है। आपको बता दें कि 2015-16 में देश के भीतर 40 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि देश में एफडीआई प्रवाह में वृद्धि का कारण सरकार के एफडीआई व्यवस्था को व्यवहारिक बनाने के लिए किए गए नीतिगत सुधार हैं। मंत्रालय ने कहा कि देश अब विदेशी निवेश के लिए सर्वाधिक आकर्षक स्थान बन गया है। बयान में आगे कहा गया कि एफडीआई इक्विटी प्रवाह 2016-17 में 43.48 अरब डॉलर रहा, किसी एक वित्त वर्ष में यह सर्वाधिक है।

यह भी पढ़ें: प्रिंट मीडिया में एफडीआइ की सीमा में ढील देने पर विचार


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