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भारत-अमेरिका एफटीए फिलहाल मुश्किल

भारत और अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौते की बात फिलहाल दूर की कौड़ी ही नजर आता है

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 27 Apr 2017 10:56 AM (IST)Updated: Thu, 27 Apr 2017 10:56 AM (IST)
भारत-अमेरिका एफटीए फिलहाल मुश्किल

नई दिल्ली (जेएनएन)। पांच वर्षों बाद भारत और अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की बात फिर सामने आई है। वैसे अभी दुनिया भर में एफटीए के खिलाफ जिस तरह की हवा बनी है और भारत व अमेरिका के आपसी कारोबारी रिश्तों की तासीर को देखते हुए यह मुद्दा फिलहाल दूर की कौड़ी ही नजर आता है। इसको लेकर भारत का रुख भी कोई खास उत्साहजनक नहीं है। भारत अपने सबसे बड़े कारोबारी साङोदार देश के साथ अभी सिर्फ द्विपक्षीय निवेश समझौता (बीआइटी) करने को ही तैयार है। बीआइटी को लेकर भी दोनों देशों के बीच तमाम पेंच फंसे हुए हैं जिसको भारत-अमेरिका बिजनेस काउंसिल की आगामी बैठक में सुलझाने की कोशिश होगी।

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अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस से जब यह पूछा गया कि क्या उनकी सरकार भारत-अमेरिका के बीच एफटीए के विरोध में है तो जो उनका जवाब था कि ट्रंप प्रशासन इसका स्वाभाविक विरोध में नहीं है। हालांकि इस बारे में लंबे समय से दोनों पक्षों के बीच गंभीर वार्ता नहीं हुई है। यह पहला मौका है जब अमेरिका की नई सरकार ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को लेकर अपना रुख दिखाया है। पूर्व की ओबामा सरकार ने इसके बारे में कई स्तरों पर भारत की मंशा टटोलने की कोशिश की थी। कई बार द्विपक्षीय कारोबारी वार्ताओं में इस मुद्दे को उठाया गया था। वर्ष 2012 में तत्कालीन योजना आयोग की तरफ से अमेरिका के साथ एफटीए की संभावना पर बल दिया गया था। लेकिन बात कुछ खास आगे नहीं बढ़ी। भारत के ठंडे रुख को देखते हुए ही फिर दोनों देशों ने अलग से एक बीआइटी पर बातचीत शुरू की थी।

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि बीआइटी को लेकर ही कई मुद्दों पर अभी सहमति नहीं बन पा रही है। एफटीए तो बहुत दूर की बात है। मोदी और ओबामा की वर्ष 2015 की मुलाकात में आर्थिक मुद्दों को सुलझाने के लिए जो समिति गठित की गई थी, उस पर भी अभी ट्रंप प्रशासन के रवैये का इंतजार है। अगर सब कुछ पूर्व सरकार की योजना के तहत ही आगे बढ़ती है तो सितंबर-अक्टूबर, 2017 में इस समूह की बैठक अमेरिका में संभव हो सकती है। सनद रहे कि दोनों देशों के निजी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को मिलाकर गठित व्यापारिक काउंसिल की तरफ से भी एफटीए की जरूरत पर कई बार बयान दिए गए हैं। भारत व अमेरिका ने अपने द्विपक्षीय कारोबार के लक्ष्य को 100 अरब डॉलर से बढ़ा कर 500 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। कई जानकार इसे हासिल करने के लिए एफटीए जरूरी मानते हैं।

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