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नोटबंदी के कारण घट सकती है भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट, 6.6 फीसद रहने का अनुमान: आईएमएफ

IMF ने कहा कि नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था में आए तनाव की वजह से भारत की वृद्धि दर वित्‍त वर्ष 2016-17 में घटकर 6.6 फीसद रहने का अनुमान है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 10:18 PM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 10:30 PM (IST)
नोटबंदी के कारण घट सकती है भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट, 6.6 फीसद रहने का अनुमान: आईएमएफ
नोटबंदी के कारण घट सकती है भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट, 6.6 फीसद रहने का अनुमान: आईएमएफ

नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की जीडीपी ग्रोथ (आर्थिक वृद्धि दर) घटकर 6.6 फीसद तक रहने का अनुमान है। यह अनुमान इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) ने लगाया है। आईएमएफ का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले की वजह से भारत की जीडीपी ग्रोथ सुस्त हो सकती है। गौरतलब है कि नोटबंदी का फैसला बीते साल 8 नवंबर को लिया गया था।

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आईएमएफ ने क्या कहा:

आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए भारत की ग्रोथ का अनुमान घटाकर 6.6 फीसद कर दिया है। इस वित्त वर्ष की अंतिम दो तिमाही में ग्रोथ रेट 6 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है। वहीं आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2017-18 में ग्रोथ रेट के 7.2 फीसद पर रहने का अनुमान जताया है। आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2015-16 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.6 फीसद की रफ्तार से बढ़ी थी।

दिखा नोटबंदी का असर:

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के मुताबिक नोटबंदी के बाद आई नकदी की किल्लत के चलते सबसे ज्यादा असर मौजूदा वित्त वर्ष पर पड़ेगा। इंडिया पर अपनी सालाना रिपोर्ट में आईएमएफ ने बताया कि बीते साल 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के फैसले के बाद दिखी नकदी की किल्लत के चलते और भुगतान में पेश आई दिक्कतों के कारण उपभोग में कमी आई और आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा। हालांकि आईएमएफ ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर केवल फौरी असर होगा यह अगले कुछ साल में आठ फीसद से अधिक की अपेक्षित वृद्धि दर की राह पर लौट आएगी।


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