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जीएसटी से सड़क परिवहन क्षेत्र में होगा बड़ा बदलाव: ICRA

जीएसटी आने से परिवहन क्षेत्र तेजी से संगठित होगा

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 27 May 2017 01:46 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2017 01:46 PM (IST)
जीएसटी से सड़क परिवहन क्षेत्र में होगा बड़ा बदलाव: ICRA
जीएसटी से सड़क परिवहन क्षेत्र में होगा बड़ा बदलाव: ICRA

नई दिल्ली (जेएनएन)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से लॉजिस्टिक यानी परिवहन क्षेत्र तेजी से संगठित होगा। राज्यों के वैट के दौर में सीमाओं पर बने चेक पोस्ट खत्म होने से वस्तुओं का परिवहन हिसाब-किताब में लाने को प्रोत्साहन मिलेगा। यह उम्मीद रेटिंग एजेंसी इक्रा ने जाहिर की है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि जीएसटी लागू से सड़क परिवहन क्षेत्र का सकारात्मक विकास होगा। जीएसटी लागू होने के बाद धीरे-धीरे संगठित परिवहन क्षेत्र विकसित होगा।

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इक्रा ने एक बयान में कहा है कि नये टैक्स युग में पूरे देश में परिवहन और भंडारण में तेजी से बदलाव होगा। इससे तीन तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। वेयरहाउस नेटवर्क का कंसोलिडेशन होगा। वेयरहाउसों के समूचे नेटवर्क में बड़ा बदलाव भी होगा। एक्सप्रेस और परंपरागत ट्रांसपोर्टरों के बीच एक समान कार्य स्थितियां पैदा होंगी।

एजेंसी के अनुसार दूसरे राज्य में माल की बिक्री होने पर अभी दो फीसद अतिरिक्त केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) लगता है। इससे जगह-जगह वेयरहाउस बनाने की जरूरत खत्म होगी। जीएसटी आने के बाद वेयरहाउस स्थापित करने में मांग पर ध्यान रखा जाएगा। इसकी वजह से वेयरहाउस नेटवर्क में कंसोलिडेशन होगा। एक बदलाव यह होगा कि माल का परिवहन बड़े ट्रकों से होगा और वेयरहाउसों का भी आकार बड़ा होगा। माल के परिवहन की रफ्तार में भी सुधार होगा। इससे परिवहन में समय कम लगेगा क्योंकि वैट के चेक पोस्ट खत्म हो जाएंगे। इससे उम्मीद है कि ट्रक ठहराव के समय में 15-20 फीसद की कमी आएगी।

ट्रैक्टर पार्ट्स पर 28 फीसद टैक्स से उद्योग को नुकसान होगा

ट्रैक्टर निर्माता कंपनी सोनालिका इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स ने ट्रैक्टर पार्ट्स पर 28 फीसद जीएसटी लगाने के प्रस्ताव का विरोध किया है और कहा है कि इससे उद्योग और किसानों को नुकसान होगा। कंपनी का कहना है कि ट्रैक्टर पार्ट्स पर टैक्स 14 फीसद के मौजूदा स्तर पर ही रहना चाहिए। कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट (सेल्स व मार्केटिंग) मुनीश कुमार ने बताया कि सरकार ने ट्रैक्टर और कारों के पार्ट्स पर 28 फीसद टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है। जबकि इस समय इन पर 14 फीसद टैक्स लगता है। इससे उद्योग को ही नहीं बल्कि किसानों को भी नुकसान होगा।


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