GST कानून से जुड़ी एक IT कंपनी पर लगा टैक्स चोरी का आरोप!
जीएसटी में अहम भूमिका निभाने वाली एक कंपनी पर टैक्स चोरी करने का गंभीर आरोप लगा है।
नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने की दिशा में अहम भूमिका निभाने वाली एक कंपनी पर टैक्स चोरी करने का गंभीर आरोप लगा है। यह कंपनी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (GSTN) नई कर प्रणाली के लिए काम कर रही है। वहीं सेंट्रल ब्यूरो ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (CBEC) के अंतर्गत आने वाला सेवा कर विभाग अब इस कंपनी के खिलाफ जांच कर रहा है। कंपनी पर सेवा कर चोरी करने का शक है।
GSTN के सीईओ को समन जारी:
इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक सेवा कर विभाग के एक अधिकारी ने जीएसटीएन (GSTN) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को समन जारी कर कहा है कि वह 22 फरवरी को या तो खुद पेश हों या अपना कोई प्रतिनिधि भेजकर कंपनी की बैलेंस शीट्स, बैंक स्टेटमेंट और इनकम टैक्स रिटर्न के दस्तावेज पेश करें। समन में लिखा गया है, “फाइनैंस ऐक्ट, 1994 के चैप्टर 5 के तहत GSTN के खिलाफ एक मामले की जांच की जा रही है।”
वहीं समन में यह भी कहा गया है कि कंपनी केंद्र से मिले फंड की रसीदें और इन्फोसिस को किए गए पेमेंट की पूरी जानकारी पेश करे। आपको बता दें कि जीएसटी प्रॉजेक्ट के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से संबंधित काम के लिए इन्फोसिस की सेवाएं ली गई थीं।
नॉन-प्रॉफिट कंपनी है GSTN:
GSTN की स्थापना मार्च 2013 में एक गैर-सरकारी, नॉन-प्रॉफिट कंपनी के तौर पर की गई थी जिसमें 51% हिस्सेदारी बैंकों और फाइनैंशल संस्थाओं की है। GSTN में सरकार ही हिस्सेदारी सिर्फ 24.5 फीसदी है। कंपनी की कुल संपत्ति 143 करोड़ रुपये है और 31 मार्च, 2016 तक कंपनी का रेवेन्यू 16.3 करोड़ रुपये था।
GSTN का समन से इनकार:
वहीं दूसरी तरफ GSTN की ओर से कहा गया है कि उसे ऐसा कोई समन अभी तक नहीं मिला है। एक सूत्र ने बताया कि कंपनी को सिर्फ इसलिए छूट नहीं मिल सकती कि वह जीएसटी से जुड़ी हुई है, कंपनी के सभी दस्तावेजों की जांच होगी। गौरतलब है कि नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने भी GSTN पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उसका कामकाज तुरंत रोका जाना चाहिए क्योंकि कंपनी में बड़ा हिस्सा प्राइवेट कंपनियों का है।