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जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक आज, हो सकते हैं तीन बड़े फैसले

जीएसटी काउंसिल की 23वीं बैठक आज से गुवाहाटी में शुरू हो रही है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 09 Nov 2017 10:29 AM (IST)Updated: Thu, 09 Nov 2017 10:29 AM (IST)
जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक आज, हो सकते हैं तीन बड़े फैसले
जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक आज, हो सकते हैं तीन बड़े फैसले

नई दिल्ली (जेएनएन)। गुरुवार से गुवाहाटी में वित्त मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व में जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक शुरू हो रही है। इसमें सरकार का फोकस तीन विषयों पर रह सकता है। पहला कुछ अहम वस्तुओं पर टैक्स की 28 फीसद दरों को कम करना, दूसरा कारोबारियों को जीएसटीएन में आ रही खामियों को दुरुस्त करना और तीसरा डिजिटल पेमेंट को और सरल बनाने पर विचार किया जा सकता है।

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28 फीसद के स्लैब में कम होगी वस्तुओं की संख्या
सरकार 28 फीसद टैक्स स्लैब के दायरे में आने वाली वस्तुओं की संख्या में कटौती कर सकती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि 28 फीसद के टैक्स स्लैब के तहत वॉशिंग मशीन, फ्रिज, इलेक्ट्रिकल फिटिंग्स, सीमेंट, सीलिंग फैन, घड़ियां, ऑटोमोबाइल, तंबाकू उत्पाद, न्यूट्रीशनल ड्रिंक, ऑटो पार्ट्स, प्लास्टिक फर्नीचर और प्लायवुड आते हैं।

माना जा रहा है कि इस 28 फीसद के टैक्स स्लैब में केवल 62 वस्तुएं ही रह सकती हैं। अभी तक 100 से अधिक वस्तुओं पर टैक्स की दर कम की जा चुकी है।

जीएसटीएन में आ रही खामियों को दुरुस्त करना
आज की बैठक में जीएसटीएन के विषय पर चर्चा संभव है। हालांकि हाल ही में जीएसटीएन के सीईओ प्रकाश राव ने बताया है कि हम इसे लगातार मजबूत बना रहे हैं और इसकी खामियों को दूर किया गया है। उनका कहना है कि जीएसटी के लिए तकनीकी ढांचा तैयार करने वाली कंपनी ने टैक्स फाइल करने की व्यवस्था को और मजबूत बनाया है जो कि आखिरी समय में आने वाली भारी भीड़ को संभालने में सक्षम है।

डिजिटल पेमेंट को और सरल बनाने पर विचार
आज की बैठक में सरकार का तीसरा एजेंडा यह है कि डिजिटल ट्रांजेक्शन को और बढ़ावा देना रह सकता है। इस पर काउंसिल विचार करेगी कि क्या किया जा सकता है। काउंसिल विक्रेता और ग्राहकों के बीच इसे प्रोत्साहित करने के लिए इस पर कुछ अहम फैसले ले सकती है। स्टेट जीएसटी के तहत क्रेडिट और छूट में कुछ राहत संभव है। जैसे कि विक्रेता को डिजिटल पेमेंट की मदद से कुछ क्रेडिट मिलेगा जिसे उसकी जीसएटी लायबिटीलि के हिसाब से एडजस्ट किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर जब ग्राहक डिजिटल पेमेंट करेंगे तो उन्हें टैक्स के रूप में कम भुगतान करना होगा।


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