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जीएसटी काउंसिल: आज शाम होगी 8वीं बैठक, हिस्सा लेंगे 6 बड़े सेक्टर के अधिकारी

जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक में देश के भीतर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने की दिशा में आ रही अड़चनों को दूर करने पर बात होगी

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 03 Jan 2017 12:32 PM (IST)Updated: Tue, 03 Jan 2017 01:45 PM (IST)

नई दिल्ली। मंगलवार शाम जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक होनी है। इस बैठक में देश के भीतर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने की दिशा में आ रही अड़चनों को दूर करने पर बात होगी। इस बैठक में 6 बड़े सेक्टर के अधिकारी शामिल होंगे, जिनमे आईटी, बैंकिंग के अलावा टेलिकॉम, इंश्योकरेंस, सिविल एविएशन और रेलवे के अधिकारी शामिल होंगे। गौरतलब है कि इससे पहले जीएसटी काउंसिल की सात बैठकें बेनतीजा रही हैं।

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दो दिन चलेगी बैठक, प्रजेंटेशन देंगे अधिकारी:

जीएसटी काउंसिल की आठवीं बैठक दो दिन तक चलेगी। इस अहम बैठक में अधिकारी अपनी चिंताओं को लेकर प्रजेंटेशन देंगे।

बैठक में हिस्सा लेंगे नैस्कॉम के प्रतिनिधि:

जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में सॉफ्टवेयर एसोसिएशन नैसकॉम के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे। नैसकॉम की ओर से आईटी कंपनियों पर जीएसटी के तहत लागू होने वाली टैक्स दरों को लेकर कंसर्न उठाया जाएगा। नैसकॉम के अध्यक्ष चंद्रशेखर का कहना है कि हम जीएसटी को अच्छा कदम मानते हैं, लेकिन इससे आईटी कंपनियों के बिजनेस के लिए चुनौती नहीं खड़ी होनी चाहिए।

दोहरे नियंत्रण पर आम राय बनाने की कोशिश करेगी जीएसटी काउंसिल

वस्तु एवं सेवा कर एक अप्रैल 2017 से लागू करने की राह में रोड़ा बने दोहरे नियंत्रण के मुद्दे को सुलझाने के लिए जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरु होगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि जीएसटी के प्रभाव में आने पर असेसीज का प्रशासनिक नियंत्रण किस प्रकार किया जाए। जीएसटी के असेसी पर केंद्र और राज्यों की नौकरशाही का नियंत्रण किस तरह हो, इसका रास्ता तलाशने की कोशिश जीएसटी काउंसिल करेगी।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक तीन और चार जनवरी को होगी। इसमें इंटीग्रेटेड जीएसटी विधेयक के मसौदे और दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर आम राय बनाने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ अलग से बैठक कर केंद्रीय आम बजट 2017-18 के संबंध में प्रदेशों की उम्मीदों और सुझावों पर भी चर्चा की जाएगी।


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