‘उड़ान’ के लिए एयरलाइन कंपनियों ने दिखाई रुचि, एयर इंडिया ने 23 रूट्स पर उड़ान भरने का प्रस्ताव किया
सरकार को उड़ान स्कीम के तहत 200 से ज्यादा रूट्स के लिए 11 एयरलाइन कंपनियों की ओर से 45 प्रारंभिक प्रस्ताव मिल हो चुके हैं
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। एयरपोर्ट अथॉरिटी को रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम ‘उड़ान’ के तहत 200 से अधिक रूटों के लिए 11 एयरलाइनों की ओर से 45 प्रारंभिक प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। एयर इंडिया ने आरसीएस के तहत 23 रूटों पर उड़ानें भरने का प्रस्ताव किया है। उड़ान के लिए प्रारंभिक प्रस्ताव देने करने की अंतिम तारीख 16 जनवरी थी।
ये प्रारंभिक प्रस्ताव देश के 65 हवाई अड्डों को कवर करते हैं। आरसीएस यानी उड़ान स्कीम के प्रावधानों के अनुसार इनमें से 52 अनारक्षित श्रेणी और 13 अनारक्षित श्रेणी के एयरपोर्ट शामिल हैं। इन प्रारंभिक प्रस्तावों के प्राप्त होने के बाद अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इनसे मुकाबले के लिए दूसरी एयरलाइनों से और बेहतर काउंटर प्रस्ताव मांगे हैं। इन्हें पेश करने की अंतिम तिथि एक फरवरी, 2017 है। काउंटर प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद आरसीएस रूट उन एयरलाइनों को आवंटित किए जाएंगे जो सबसे कम सरकारी सहायता (वायबिलिटी गैप फंडिंग-वीजीएफ) पर उड़ाने भरने को तैयार होंगी। सरकार आरसीएस की उड़ानें जल्द से जल्द शुरू कराना चाहती है।
इस बीच एयर इंडिया ने आरसीएस के तहत 23 रूटों के लिए प्रारंभिक आवेदन किया है। इनमें कुछ मौजूदा रूट शामिल हैं। आरसीएस की उड़ानों के लिए एयर इंडिया ने अतिरिक्त विमान शामिल करने की योजना भी तैयार की है। इसके तहत 100 अतिरिक्त विमान शामिल किए जाएंगे। इनमें ए-320 नियो श्रेणी के 12 विमान बोइंग-777 श्रेणी के 13 विमान तथा बोइंग-777 श्रेणी के कुछ विमान शामिल हैं। आरसीएस के लिए एयर इंडिया को 20 एटीआर विमानों की भी जरूरत होगी। इसी के साथ एयर इंडिया के विमान बेड़े में विमानों की कुल संख्या 132 से बढ़कर 232 हो जाएगी। आरसीएस के लिए एयर इंडिया को 200 अतिरिक्त पायलटों की भी आवश्यकता होगी। इसके लिए पायलटों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।
छोटे नगरों व कस्बों को हवाई सेवाओं से जोड़ने तथा विमान यात्र को मध्यम व निम्न मध्यम वर्ग की पहुंच में लाने के लिए विमानन मंत्रलय ने पिछले साल 21 अक्टूबर को स्कीम लांच की थी। इसे 15 जून, 2016 को जारी राष्ट्रीय विमानन नीति के हिस्से के तौर पर लाया गया था। इसके तहत एक बड़े शहर से एक छोटे शहर तथा एक छोटे शहर से दूसरे छोटे शहर के बीच उड़ानें संचालित करने वाली एयरलाइनों को केंद्र व राय सरकारों की ओर से करों व शुल्कों में विभिन्न प्रकार की रियायतें दी जाएंगी। आरसीएस स्कीम दस वर्षो तक लागू रहेगी। आरसीएस में भाग लेने वाली एयरलाइनों को फिक्स विंग एयरक्राफ्ट के मामले में 500 किलोमीटर अथवा एक घंटे तथा हेलीकाप्टर के मामले में 500 किलोमीटर अथवा आधे घंटे की उड़ान का किराया 2500 रुपये रखना होगा।