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फसल का वाजिब दाम और किसानों को मेहनताना दिलवाना सरकार की प्राथमिकता

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि खेती में सुधार के साथ कृषि व्यापार को सशक्त बनाना जरूरी है

By Surbhi JainEdited By: Published: Wed, 20 Sep 2017 11:45 AM (IST)Updated: Wed, 20 Sep 2017 11:45 AM (IST)
फसल का वाजिब दाम और किसानों को मेहनताना दिलवाना सरकार की प्राथमिकता
फसल का वाजिब दाम और किसानों को मेहनताना दिलवाना सरकार की प्राथमिकता

नई दिल्ली(जेएनएन)। उपज का उचित व लाभकारी मूल्य दिलाने के साथ किसानों को उनका मेहनताना दिलाना भी सरकार की प्राथमिकता है। किसानों की आमदनी को दोगुना करना प्रधानमंत्री का सपना है, जिसे पूरा करने के लिए कृषि मंत्रलय शिद्दत से जुटा है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इसके लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। सिंह मंगलवार को यहां आयोजित रबी सीजन तैयारी सम्मेलन में बोल रहे थे। राज्यों के कृषि सचिवों व अन्य अफसरों के बीच उन्होंने कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को उनकी उपज के उचित मूल्य दिलाने पर जोर दिया।

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सरकार की प्राथमिकता का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के आम बजट में अब तक के सर्वाधिक 62,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है। इसके लिए हम सभी को कृषि क्षेत्र में सुधार पर विशेष ध्यान देना होगा। खेती के साथ बाड़ी पर भी जोर देना होगा, ताकि किसानों की आय को बढ़ाया जा सके। पशुपालन, बागवानी, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, कृषि शिक्षा, अनुसंधान व विस्तार प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए सरकार पूरी मदद मुहैया करा रही है।

उन्होंने कहा कि खेती में सुधार के साथ कृषि व्यापार को सशक्त बनाना जरूरी होगा। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा। रबी सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के पदाधिकारियों की सलाह से फसलवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए राज्यों की जरूरतों को पूरा करने का फैसला किया गया। सिंह के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की गई हैं।

इनमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना, मृदा स्वास्थ्य स्कीम, नीम कोटेड यूरिया और इलेक्ट्रॉनिक-राष्ट्रीय कृषि मंडियों (ई-नाम) की स्थापना प्रमुख हैं। राज्यों के प्रतिनिधियों से कृषि मंत्री ने नीति निर्धारित करते समय किसानों की आमदनी बढ़ाने को प्रमुखता देने की अपील की। उन्होंने फसलों से जुड़ी तकनीकी और अन्य योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने पर राज्यों से जुट जाने को कहा।

पिछले साल के बराबर रहेगा खाद्यान्न उत्पादन
चालू साल के दौरान खाद्यान्न उत्पादन पिछले फसल वर्ष के लगभग बराबर रहेगा। बीते फसल वर्ष (जुलाई से जून) में 27.56 करोड़ टन अनाज का उत्पादन हुआ था। कृषि सचिव एसके पटनायक ने रबी तैयारी सम्मेलन में कहा कि देश के कुछ हिस्सों में कम बारिश और दूसरे इलाकों में बाढ़ के बावजूद खाद्यान्नों की पैदावार में खास बदलाव नहीं आएगा। सरकार ने चालू फसल वर्ष के दौरान खाद्यान्न उत्पादन 27.45 करोड़ टन रहने का लक्ष्य तय कर रखा है। इसमें चावल उत्पादन का लक्ष्य 10.85 करोड़ टन, गेहूं का 9.75 करोड़ टन, दालों का 2.29 करोड़ टन और मोटे अनाजों का लक्ष्य 4.56 करोड़ टन है।


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