भारत सरकार ने चीनी रसायन के आयात पर एंटी-डंपिंग शुल्क को 5 साल के लिए बढ़ाया
राजस्व विभाग ने चीन से पॉलीटेट्राफ्लोरोएथाइलीन के आयात पर डंपिंग शुल्क के रूप में 2,637 डॉलर प्रति टन की घोषणा कर दी है
नई दिल्ली (जेएनएन)। चीनी रासायनिक कंपाउंड पीटीएफई के आयात पर लगाए गए एंटी डंपिंग शुल्क को सरकार ने पांच साल तक बढ़ा दिया है। इस रासायनिक कंपाउंड का इस्तेमाल पैन और अन्य कुक वेयर की नॉन स्टिक कोटिंग के लिए किया जाता है। सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि घरेलू उद्योंगों की सुरक्षा की जा सके।
राजस्व विभाग ने चीन से पॉलीटेट्राफ्लोरोएथाइलीन (पीटीएफई) के आयात पर डंपिंग शुल्क के रूप में 2,637 डॉलर प्रति टन की अधिसूचना जारी कर दी है। इस तरह की ड्यूटी पहले पांच साल के लिए साल 2011 में लागू की गई थी और इसे बीते साल अगस्त महीने में एक साल के लिए बढ़ा दिया गया।
विभाग ने बताया कि एंटी डंपिंग शुल्क की समीक्षा ने निष्कर्ष निकाला है कि चीन से संबंधित उत्पाद की निरंतर डंपिंग जारी है और यह भारत में उत्पादन और उपभोग के संबंध में घरेलू उद्योग को चोट पहुंचने का कारण है। यह पाया गया है कि आयात महत्वपूर्ण रूप से घरेलू इंडस्ट्री की कीमतों को कम कर रहा है। साथ ही यह आयात घरेलू कीमतों में निराशा का माहौल पैदा कर रहा है।
सरकार की ओर से जारी की गई इस अधिसूचना के मुताबिक निवेश पर मुनाफे और रिटर्न के मामले में घरेलू उद्योग का प्रदर्शन बिगड़ गया है और एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने के बावजूद चीन से डंप किए गए आयात की वजह से घरेलू उद्योग को चोट पहुंचना जारी है।