बीमा नियमों के उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना
ग्राहकों की शिकायतों के निवारण से जुड़े नियमों का पालन करने वाली बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
नई दिल्ली: आम ग्राहकों की शिकायतों के निवारण से जुड़े नियमों का पालन करने वाली बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। बीमा लोकपाल की ओर से इसकी सिफारिश की गई है। इसके लिए लोक शिकायतों के समाधान संबंधी नियमों को बदला जा रहा है। दिल्ली की बीमा लोकपाल संध्या बालिगा ने यह जानकारी दी।
संध्या ने कहा कि उनकी ओर से इस बारे में सरकार को दिए गए फीडबैक में कहा गया है कि उपभोक्ता के असंतुष्ट होने की स्थिति में कोई समीक्षा अधिकारी होना चाहिए। अगर उसके निर्देशों का बीमा कंपनियां पालन नहीं कर रही हैं, तो उन्हें दंडित करने का प्रावधान भी होना चाहिए। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने चार्ज लिया था तो बीमा कंपनियों के खिलाफ बीमा लोकपाल के दिल्ली कार्यालय में 4,000 शिकायतें लंबित थीं। इस स्थिति को दुरुस्त करने के लिए उन्होंने अपने दफ्तर के लिए आइएसओ प्रमाणन का रास्ता अपनाया। फिलहाल देश भर में बीमा लोकपाल के ऐसे 17 कार्यालय हैं।
सात लाख अदा करे एलआइसी
बीमा दावा ठुकराने के एक मामले में शीर्ष उपभोक्ता अदालत ने एलआइसी को सात लाख रुपये अदा करने का फैसला दिया है। सरकारी जीवन बीमा कंपनी ने ठोस तथ्य नहीं बताने के आधार पर दावे को मानने से इन्कार कर दिया था। इस मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने जिला फोरम के आदेश को बरकरार रखा है। गुजरात निवासी जमनाबेन शंभूभाई मांगे ने बेटे हितेश को अगस्त, 2006 में बुखार के चलते अस्पताल में भर्ती कराया था। हितेश का सात लाख रुपये का बीमा था। जांच में उसे किडनी की बीमारी निकली। इलाज के दौरान अक्टूबर, 2006 में उसकी मौत हो गई। इसके बाद जमनाबेन ने बीमा राशि के लिए एलआइसी के पास दावा किया। कंपनी ने पेट और सिरदर्द जैसी बीमारियों की जानकारी नहीं देने का बहाना बनाते हुए दावे को ठुकरा दिया। शिकायत पर जिला उपभोक्ता फोरम ने एलआइसी को सात लाख रुपये चुकाने का आदेश दिया था। राय उपभोक्ता आयोग ने मांगे को कोई राहत देने से मना कर दिया था।