वित्त मंत्रालय ने बजट प्रस्तावों के लिए तय की समयसीमा
मंत्रलयों और विभागों की पूर्व-बजट बैठक नौ अक्टूबर से शुरू होगी
नई दिल्ली (जेएनएन)। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को आगामी बजट की तैयारी के लिए अलग-अलग मंत्रालयों व विभागों को अपने प्रस्ताव देने की समयसीमा (टाइमलाइन) जारी कर दी। यह जीएसटी लागू होने के बाद पहला आम बजट होगा। इसे फरवरी में पेश किया जाएगा। बजट का यह सालाना आयोजन सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए देश के संसाधनों के समुचित उपयोग का रोडमैप प्रदान करता है।
मंत्रालय की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार मंत्रलयों और विभागों की पूर्व-बजट बैठक नौ अक्टूबर से शुरू होगी। सभी डाटा निर्धारित प्रारूप के अनुसार, यूबीआइएस (संघीय बजट सूचना प्रणाली) प्लेटफॉर्म पर जमा करना होगा। यूबीआइएस में दर्ज डाटा बजट अनुमानों के दोनों विवरण और अनुदानों की विस्तृत मांग के लिए आधार बनेगा।
अंतिम बजटीय आवंटन का आधार मध्यम अवधि वाले व्यय फ्रेमवर्क (एमटीईएफ) वक्तव्य में इंगित सीमा होगी। एमटीईएफ वक्तव्य अगस्त में मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया गया था। इसमें आवंटन दर्शाए गए हैं। इन्हीं का इस्तेमाल करते हुए हर मंत्रालय आवंटन तय करके उन्हें बजट प्रभाग में भेज देगा। समयसीमा के मुताबिक पूंजी प्राप्तियों के अनुमानों को 16 अक्टूबर तक बजट प्रभाग के पास भेजना होगा। राजस्व प्राप्तियों के मामले में यह काम 15 नवंबर तक करना होगा। इसके अलावा आउटकम बजट ढांचे को भी एमटीईफ वक्तव्य में इंगित आवंटनों के मुताबिक तैयार करना होगा। सर्कुलर में कहा गया है कि इसे नीति आयोग और लोकवित्त, व्यय विभाग से विधिवत अनुमोदित कराना होगा। केंद्रीय क्षेत्र और केंद्र प्रायोजित स्कीमों के लिए बजट-पूर्व बैठकों के दौरान अस्थायी सीमा पर चर्चा की जाएगी। मंत्रालय को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) से जीडीपी से जुड़े अनुमान छह जनवरी तक प्राप्त हो जाएंगे।