एस्सार समूह करेगा पूर्व ईओएल शेयरधारकों को अतिरिक्त 75.48 रुपये प्रति शेयर का भुगतान
एस्सार ग्रुप ने अपने शेयरधारकों को अतिरिक्त राशि का भुगतान करने का फैसला किया है
नई दिल्ली (पीटीआई)। एस्सार ग्रुप ने मंगलवार को कहा कि एस्सार ऑयल के उन पूर्व शेयरधारकों को प्रति शेयर अतिरिक्त 75.48 रुपये का भुगतान किया जाएगा, जिन्होंने उस कंपनी की डिलिस्टिंग के लिए अपने शेयर्स की पेशकश ओपन ऑफर पर की थी, जिसे बीते दिन रूस की कंपनी रोसनेफ्ट को 12.9 बिलियन डॉलर में बेंच दिया गया है।
ग्रुप की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, “एस्सार ऑयल के पब्लिक शेयरधारकों को डिलिस्टिंग प्राइस पर अतिरिक्त 880 करोड़ रुपये या प्रति शेयर 75.48 रुपये का भुगतान किया जाएगा। इस तरह उनका कुल भुगतान 3,064 करोड़ रुपए से 3,944 करोड़ रुपए हो गया है।” यह फैसला कल की सार्वजनिक घोषणा और यह सेबी के दिशानिर्देश के अनुसार सामने आया है।
वहीं पूर्व अल्पसंख्यक शेयरधारक, जिन्होंने फरवरी 2015 की डीलिस्ट ऑफर में ईओएल शेयरों की पेशकश की थी उन्हें प्रत्येक शेयर के लिए 75.48 रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। यह डिलिस्टिंग के समय शेयरधारकों को 262.80 रुपए प्रति शेयर की कीमत के अतिरिक्त किया गया अन्य भुगतान है। कंपनी ने बताया कि इसे सौदा पूरा होने पर एस्सार की ओर से प्राप्त 338.28 रुपये प्रति शेयर इक्विटी मूल्य के आधार पर तय किया गया है।
भारत में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश:
आपको बता दें कि एस्सार ऑयल लिमिटेड भारत में निजी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी है। इसे अब रूस की कंपनी रोजनेफ्ट ने खरीद लिया है। इस सौदे को रूस के लिए अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश एवं भारत में आनेवाला अब तक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) माना जा रहा है।
डील में क्या कुछ शामिल:
इस सौदे में रूसी कंपनी के नेतृत्व वाले संघ, जिनमें तेल बिडको भी शामिल है और ट्राफिगुरा-यूसीपी के नेतृत्व में एक निधि शामिल हैं। सौदे में गुजरात में वाडिनार में 20 मिलियन टन की रिफाइनरी की बिक्री, एक कैप्टिव पावर प्लांट, कैप्टिव बंदरगाह और 3,500 से अधिक पेट्रोल पंप शामिल है।