चीन की विकास दर घटकर 26 साल के निचले स्तर पर
IMF के मुताबिक जल्द ही चीन दुनिया की सबसे तेज विकास दर से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हो जाएगी।
नई दिल्ली: चीन की आर्थिक विकास दर पिछले साल के दौरान घटकर 26 साल के न्यूनतम स्तर पर रह गई। चीन में आंकड़ों को लेकर हेराफेरी सामने आने और अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध छिड़ने की आशंका के बीच गत वर्ष उसकी विकास दर महज 6.7 फीसद रही।
चीन के राष्ट्रीय सांख्यकीय ब्यूरो (एनबीएस) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार उसकी आर्थिक विकास दर वर्ष 2015 के मुकाबले 0.2 फीसद कम रही। उस दौरान विकास दर 6.9 फीसद रही थी। हालांकि अच्छी बात यह रही कि पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में विकास दर सुधरकर 6.8 फीसद हो गई। तीसरी तिमाही में यह दर 6.7 फीसद रही थी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने हाल में चीन की आर्थिक विकास दर 6.5 फीसद रहने का अनुमान जारी किया है। नेशनल डवलपमेंट एंड रिफॉर्म्स कमीशन और एनबीएस के आयुक्त निंग जिड़ो ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि आइएमएफ के अनुमान के अनुसार चीन दुनिया की सबसे तेज विकास दर से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हो जाएगी। गौरतलब है कि आइएमएफ ने नोटबंदी के बाद भारत की विकास दर अनुमान 7.6 फीसद से एक फीसद घटा दिया था। जिड़ो ने कहा कि इससे चीन एक बार फिर सबसे तेज रफ्तार वाली अर्थव्यवस्था होगी।
चीन के ताजा आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में चीन की अर्थव्यवस्था कुल 74.41 टिलियन युआन (10.83 टिलियन डॉलर यानी 670 लाख करोड़ रुपये) की है। इसमें सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी 51.6 फीसद रही। पिछले वर्षो में चीन का सेवा क्षेत्र विकास दर के मामले में मैन्यूफैक्चरिंग से आगे रहा। चीन में मैन्यूफैक्चरिंग पिछले तीन दशक से वहां की अर्थव्यवस्था का इंजन बना रहा था। चीन का निर्यात दो टिलियन डॉलर का है जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है। हालांकि पिछले साल इसमें 7.7 फीसद की गिरावट दर्ज की गई।