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इंडिया इंक पे-गैप: सामान्य स्टाफ से 1,200 गुना ज्यादा कमाते हैं सीईओ

इंडिया इंक में सीईओ और अन्य कर्मचारियों के बीच वेतन में भारी अंतर है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 23 Jul 2017 09:42 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jul 2017 09:42 PM (IST)
इंडिया इंक पे-गैप: सामान्य स्टाफ से 1,200 गुना ज्यादा कमाते हैं सीईओ

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय कंपनियों में सीईओ और अन्य कर्मचारियों के बीच वेतन में भारी अंतर है जो कि अब सामने आ चुका है। बड़ी लिस्टेड कंपनियों के डिस्क्लोजर (सैलरी रेश्यो) के एनालिसिस में यह बात सामने आई है कि सीईओ और एग्जीैक्यू टिव चेयरमैन जैसे सीनियर इम्लॉं इज का सैलरी पैकेज अभी भी अन्य कर्मचारियों के मुकाबले ज्याजदा बना हुआ है। यह एनालिसिस बताता है कि बड़ी लिस्टेीड कंपनियों में टॉप एग्जी क्यूसटिव्स की सैलरी मिड लेवल इम्लॉनिय इज की सैलरी की तुलना में 1,200 गुना तक ज्या‍दा हो चुकी है।

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पूंजी बाजार नियामक सेबी के दिशा निर्देशों में सेंसेक्स में सूचीबद्ध कंपनियों में दिए जाने वाले पारिश्रमिक का विश्लेषण बताता है कि सीईओ और कार्यकारी अध्यक्ष जैसे सीनियर कर्मियों के वेतन का बढ़ना जारी है। वहीं अधिकतर प्राइवेट कंपनियों में 2016-17 के दौरान इसमें इजाफा भी हुआ है। इसके ठीक विपरीत, मध्यवर्ती कर्मचारियों का पारिश्रमिक पिछले वित्त वर्ष के दौरान लगभग समान बना रहा है। जबकि टॉप एग्जीक्यूटिव से लेकर मिड लेवल एम्प्लॉय के बीच पारिश्रमिक अनुपात की बात की जाए तो कई मामलों में यह सैकड़ों गुना ज्यादा है।

हालांकि निजी क्षेत्र के मुकाबले सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की स्थित थोड़ा बेहतर है। वहां पर चीफ यानी प्रमुखों का पारिश्रमिक अपने मिड लेवल के कर्मचारियों के मुकाबले 3 से 4 गुना ही ज्यादा है। हालांकि इस बारे में कोई नियम या फिर कंपनियों पर प्रतबंध नहीं हैं तो वो अपने टॉप एग्जीक्यूटिव्स को मिड लेवल के कर्मचारियों के मुकाबले कितना वेतन दें और उसमें कितना इजाफा करें। हां इतना जरूर है कि सेबी के रेग्युेलेशंस के तहत अधिकतर लिस्टे ड कंपनियों के लिए हर साल सैलरी रेशियो का डिस्क्लोजर जरूरी है ताकि इनवेस्टिर्स को उन कंपनियों की सैलरी प्रैक्टिसेज के बारे में पता चल सके, जिसमें उन्होंने निवेश किया है।


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