एनपीए संकट से उबरने के लिए सरकार जल्द लाएगी एक अध्यादेश, मसौदे को कैबिनेट की मंजूरी
एनपीए के संकट से उबारने के लिए सरकार ने एक अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दे दी है
नई दिल्ली (जेएनएन)। बैंकों को फंसे कर्ज (एनपीए) के संकट से उबारने के लिए सरकार एक अध्यादेश लेकर आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने बुधवार को इस अध्यादेश के मसौदे को हरी झंडी दी। अब यह अध्यादेश राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मंजूरी के लिए भेजा गया है। राष्ट्रपति की मुहर लगने और गजट में अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद यह लागू हो जाएगा।
सरकार इस अध्यादेश के जरिये बैंकिंग नियमन कानून में संशोधन कर रही है, ताकि फंसे कर्ज के संकट से जूझ रहे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उबारा जा सके। इन बैंकों का लगभग 6.60 लाख करोड़ रुपये एनपीए में तब्दील हो चुका है। पिछले तीन वर्षो से राजग सरकार ने हालात संभालने के लिए कई कदम उठाए हैं। आठ महीने पहले ही बैंकों व एनपीए वसूली से जुड़े अहम कानूनों (बैंकिंग नियमन, ऋण वसूली टिब्यूनल (डीआरटी) और सरफेसी कानूनों में बड़े संशोधन किए थे, लेकिन बात नहीं बन पाई है।
अब नया कानून बैंकों को फंसे कर्जे से मुक्ति दिलाने के लिए एक नया रास्ता देगा। इससे एक विशेष समिति के गठन का राह साफ होगी जो एनपीए राशि को कम करने पर तेजी से फैसला करेगी। समिति सभी बैंकों के लिए काम करेगी। साथ ही रिजर्व बैंक को एनपीए से जुड़े मुद्दों पर ज्यादा अधिकार भी दिए जाएंगे। माना जा रहा है कि बड़े ग्राहकों पर बकाया राशि का बड़ा हिस्सा माफ करने का रास्ता भी नए कानून से निकलेगा। पैसा नहीं लौटाने वाली कंपनियों की संपत्तियों को दूसरी फर्मो को बहुत ही आसानी से बेचने की राह भी इससे निकलेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कोई ब्योरा दिए बगैर संवादाताओं से कहा कि कैबिनेट ने बैंकिंग क्षेत्र के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय किया है। इस तरह की परंपरा रही है कि जब भी कोई प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है तो उनकी मंजूरी मिलने तक इसकी जानकारी नहीं दी जाती। मंजूरी मिलते ही ब्योरा सार्वजनिक कर दिया जाएगा। नया कानून जानबूझ कर कर्ज नहीं लौटाने वाले (विलफुल डिफॉल्टरों) पर सख्ती भी करेगा। मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि पिछले दो वर्षो में 9,130 विलफुल डिफॉल्टरों में से सिर्फ 620 ग्राहकों की संपत्ति जब्ती का काम शुरू हो पाया है।
अंत्योदय वालों को चीनी सब्सिडी
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत अंत्योदय अन्न योजना वाले परिवारों के लिए राज्यों को चीनी पर सब्सिडी बहाल कर दी गई है। अब राज्यों को इन सबसे गरीब परिवारों को एक किलो चीनी सस्ती दर पर उपलब्ध कराने के लिए 18.50 रुपये की सब्सिडी मिलेगी।
बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके तहत ढाई करोड़ अंत्योदय परिवारों को एक किलो चीनी राशन दुकानों के जरिये सस्ती दर पर दी जाएगी। इसी साल मार्च में सभी उपभोक्ताओं के लिए यह सब्सिडी बंद कर दी गई थी।
तीन होटलों की बागडोर राज्यों को सौंपेगी सरकार
सरकार आइटीडीसी के तीन होटलों- अशोक भोपाल, अशोक भरतपुर और अशोक ब्रह्मपुत्र की बागडोर संबंधित राज्य सरकारों को सौंपेगी। कैबिनेट की बैठक में बुधवार को इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। फिलहाल इन तीनों होटलों का प्रबंधन भारतीय पर्यटन विकास निगम (आइटीडीसी) के पास है।
सरकार अशोक भोपाल में आइटीडीसी की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी मध्य प्रदेश सरकार को सौंपेगी। गुवाहाटी स्थित होटल अशोक ब्रह्मपुत्र में हिस्सेदारी असम सरकार को बेची जाएगी। वहीं, अशोक भरतपुर का प्रबंधन राजस्थान सरकार को सौंपा जाएगा। फिलहाल इस होटल में पूरी हिस्सेदारी राजस्थान सरकार की है, सिर्फ इसका प्रबंधन आइटीडीसी के पास है।