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ग्रामीण मांग में तेजी लाने को जरूरी होगा बेहतर मानसून: बोफाएमएल

अगर बारिश सामान्य हुई तो इस वर्ष के पहले छह महीने खुदरा महंगाई चार फीसद हो सकती है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 19 Apr 2017 05:00 PM (IST)Updated: Wed, 19 Apr 2017 05:00 PM (IST)
ग्रामीण मांग में तेजी लाने को जरूरी होगा बेहतर मानसून: बोफाएमएल
ग्रामीण मांग में तेजी लाने को जरूरी होगा बेहतर मानसून: बोफाएमएल

नई दिल्ली (पीटीआई)। चालू वित्त वर्ष के दौरान कमजोर पड़ चुकी ग्रामीण मांग में फिर से तेजी लाने के लिए मॉनसून सामान्य रहना चाहिए। साथ ही आरबीआई को अगस्त महीने में नीतिगत दरों में 25 बीपीएस की कटौती करनी चाहिए। यह बात बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की रिपोर्ट में सामने आई है।

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बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच से मुताबिक ग्रामीण मांग में पहले से ही पुनरुद्धार देखने को मिल रहा है और बीते वर्ष पतझड़ खरीफ फार्म आय में 26 फीसद का उछाल आया है। रिसर्च रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मई में आने वाली रबी फसल भी किसान की आय को 13 फीसद से बढ़ा सकती है। अगर बारिश सामान्य हुई तो इस वर्ष के पहले छह महीने खुदरा महंगाई चार फीसद हो सकती है।

रिपोर्ट के तहत जीडीपी की पुरानी सीरीज के मुताबिक ग्रोथ रेट 4.5 से 5 फीसद चल रही है। इसमें मांग आधारित महंगाई की गुंजाइश कम है। यह अगस्त में नीतिगत दर में चौथाई फीसद की कटौती का समर्थन करता है। वृद्धि दर 7 प्रतिशत की संभावना से कम है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने छह अप्रैल को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट को 6.25 फीसद पर यथावत रखा, लेकिन रिवर्स रेपो को 5.75 फीसद से बढ़ाकर 6.0 फीसद कर दिया। केंद्रीय बैंक की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा जून महीने में होगी।

बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की रिपोर्ट के अनुसार महंगाई जोखिम को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है। बोफाएमएल के मुताबिक एक ओर जहां कमजोर ग्रोथ एवं खाद्य महंगाई में नरमी के संकेत मिल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अलनीनों का खतरा भांपते हुए आरबीआई ने खुद पॉलिसी प्रतिक्रिया के रुप में आपूर्ति प्रबंधन के महत्व का उल्लेख किया है।

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