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राजस्व विभाग की छानबीन से मिला काले धन का आंकड़ा

नोटबंदी के बाद दो लाख करोड़ रुपये का काला धन बैंकों में जमा हुआ है

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 10:39 AM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 10:39 AM (IST)
राजस्व विभाग की छानबीन से मिला काले धन का आंकड़ा

नई दिल्ली (जेएनएन)। नोटबंदी के बाद तमाम लोगों के खिलाफ जांच चल रही है और उन्हें नोटिस जारी की गई हैं। ये ऐसे लोगों के अघोषित काले धन के बारे में जानकारी का मिलान करने का प्रमुख स्नोत बन गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में काले धन के बारे में जिक्र को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह बात कही है। वित्त मंत्री के मुताबिक राजस्व व इसमें संभावित वृद्धि के आंकड़े इन जांचों, नोटिसों और सीबीडीटी व राजस्व विभाग को मिले जवाबों पर आधारित हैं।

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जेटली से पूछा गया था कि प्रधानमंत्री के भाषण में जिन आंकड़ों का जिक्र है, वे कहां से हासिल हुए हैं। जेटली ने यह भी कहा कि ये आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआइ की रिपोटरें से संबंधित नहीं हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन आंकड़ों को लेकर कोई भ्रम नहीं था। इसमें कितने लोगों ने और कितना पैसा नोटबंदी के दौरान जमा किया है, इसमें से कितना उनकी आय के अनुपात से अधिक है, जिसके स्नोत जमाकर्ता बता नहीं पाए, इन सभी के आधार पर काले धन का यह आंकड़ा मिला है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि नोटबंदी से छिपा हुआ काला धन औपचारिक अर्थव्यवस्था में आया है। इस दौरान लोगों को दो लाख करोड़ रुपये का काला धन बैंकों में जमा करना पड़ा था। इनमें 18 लाख लोगों की पहचान हो चुकी है।

काले धन पर कार्रवाई के तहत ही मुखौटा कंपनियों के खिलाफ जांच तेज की गई है। करीब दो लाख ऐसी कंपनियों को बंद भी किया जा चुका है। प्रधानमंत्री ने ऐसी फर्मो के जरिये काली कमाई को ठिकाने लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इन मुखौटा कंपनियों के पीछे असली चेहरों को सामने लाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और राजस्व विभाग के शीर्ष अफसरों की एक टीम बनाई है।

मुखौटा कंपनियों के मामले में अर्जियों पर सुनवाई करेगा सैट
मुखौटा कंपनियों पर बाजार नियामक सेबी की कारोबार संबंधी पाबंदी के खिलाफ प्रतिभूति अपीलीय टिब्यूनल (सैट) गुरुवार को दो फर्मो की अर्जी पर सुनवाई करेगा। पिछले हफ्ते सैट ने जेकुमार इंफ्रा और पाश्र्वनाथ डेवलपर्स समेत आठ कंपनियों के मामले में सेबी के आदेश पर स्टे लगा दिया।


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