बड़े आईटी हब में 10 से 20 फीसद तक घट सकता है मकान का किराया: एसोचैम
एसोचौम की एक रिपोर्ट के मुताबिक सॉफ्टेवयर और सर्विस सेक्टर के बड़े केंद्र माने जाने वाले शहरों में आने वाली तिमाहियों में आवासीय किराये में कमी देखने को मिल सकती है
नई दिल्ली (जेएनएन)। सॉफ्टेवयर और सर्विस सेक्टर के बड़े केंद्र माने जाने वाले शहरों में आने वाली तिमाहियों (जुलाई से) में आवासीय किराये में 10 से 20 फीसद तक की कमी देखने को मिल सकती है। यह जानकारी उद्योग मंडल एसोचौम की एक रिपोर्ट के जरिए सामने आई है। इसकी प्रमुख वजह आईटी कंपनियों की ओर से बेहद खराब वेतन वृद्धि और नौकरियों में कमी है। इसके चलते मकान मालिकों के ऊपर किराया न बढ़ाने या कटौती का दबाव बढ़ रहा है।
आपको बता दें कि बेंगलुरु को भारत की सिलकॉन वैली कहा जाता है। इस रिपोर्ट के तहत मौजूदा समय में भारत का सूचना प्रद्योगिकी क्षेत्र बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों से गुजर रहा है। यहां बड़ी संख्याक में नौकरियां जा रही हैं वहीं, इस वर्ष होने वाली वार्षिक बढ़ोत्तंरी भी नाममात्र की ही हुई है। इसके चलते किरायेदारों के लिए बढ़ा किराया दे पाना या फिर मकान मालिकों के लिए ज्यादा किराये पर किराएदार ढूंढ पाना दोनों मुश्किल है। इसके चलते किरायेदार वर्तमान किराया समझौतों में भी बेहतर विकल्पों और मासिक किराये में किसी बढोतरी की मांग नहीं कर रहे हैं।
एसोचैम ने की सरकार से मांग, कहा जीएसटी को फिलहाल टाला जाए
आजाद भारत का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार कहे जा रहे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने में सिर्फ 4 दिन का ही समय बचा है। ऐसे में उद्योग संगठन ने इसे फिलहाल टालने की मांग की है। एसोचैम का कहना है कि नई कर प्रणाली के लिए अभी होमवर्क पूरा नहीं हुआ है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार जीएसटी को 1 जुलाई से लागू करना चाहती है।