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फेड की दरों में इजाफे से निपटने में सक्षम है इंडियन इकोनॉमी: अरविंद सुब्रमणियम

मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने बताया कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के प्रभाव से बचने में भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह सक्षम है

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 15 Dec 2016 01:43 PM (IST)Updated: Thu, 15 Dec 2016 01:47 PM (IST)
फेड की दरों में इजाफे से निपटने में सक्षम है इंडियन इकोनॉमी: अरविंद सुब्रमणियम

नई दिल्ली: भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने बताया कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के प्रभाव से बचने में भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने यह बात भारत की ओर से पूंजी प्रवाह की आशंका के मद्देनजर कही है।

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उन्होंने कहा कि दुनिया की अन्य उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले फेड रिजर्व की ओर से की गई ब्याज दर में बढ़ोतरी के प्रभाव के मद्देनजर भारत बेहतर स्थिति में है। क्योंकि भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ मजबूत है और इसके पास 300 बिलियन डॉलर से ज्यादा का विदेशी मुद्रा भंडार है। आपको बता दें कि फेड रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में इजाफा कर दिया था, क्योंकि केंद्रीय बैंक अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करों में कटौती, खर्च और विनियमन के प्रशासनिक वादों वादे को पूरा करना चाहते हैं

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने किया ब्याज दर में चौथाई फीसदी का इजाफा
बुधवार को खत्म हुई बैठक में अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ने ब्याज दर में चौथाई फीसदी का इजाफा किया है। बढ़ोतरी के बाद फेडरल फंड की रेट 0.50 से 0.75 फीसदी हो जाएगी। यह बढ़ोतरी साल की पहली और बीते 10 वर्षों में यह फेडरल रिजर्व की ओर से की गई दूसरी बढ़ोतरी है। इससे पहले दिसबंर 2015 में फेड की ओर से चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। ब्याज दरें बढ़ने का सीधा सा मतलब यह है कि अमेरिका में मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज अब महंगे हो जाएंगे।


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