GST इम्पैक्ट: CTC के अलावा कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं पर भी बन सकती है टैक्स देनदारी
अधिक अगर किसी कर्मचारी को मुफ्त वस्तुएं एवं सेवाएं दी जा रही हैं तो उस पर भी जीएसटी देय हो सकता है।
नई दिल्ली: नियोक्ता और कर्मचारियों के बीच का संबंध कुछ ऐसा है जो कि मानव संसाधन विभाग का एकमात्र अधिकार नहीं है। जीएसटी के अंतर्गत जिसे 1 जुलाई से अमल में लाया जाना है, ऐसे में टैक्समैन इसके विभिन्न पहलुओं की भी जांच कर सकते हैं। एक नियत राशि से अधिक अगर किसी कर्मचारी को मुफ्त वस्तुएं एवं सेवाएं दी जा रही हैं तो उस पर भी जीएसटी देय हो सकता है। वहीं अगर कोई कर्मचारी व्यक्तिगत उपयोग के लिए कंपनी की संपत्ति (मसलन-कार) का लाभ लेता है तो वह भी जीएसटी के दायरे में आएगा।
इसके अलावा, कर्मचारियों को विभिन्न सुविधाओं की आपूर्ति पर इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध नहीं होगा इसमें लाइफ और हैल्थ इंश्योरेंस भी शामिल है।
संसद में मंगलवार को पेश किए गए जीएसटी बिलों में क्या कुछ:
बिना किसी विचार के आपूर्ति (कर्मचारियों को):
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक जीएसटी के तहत कर योग्य वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति है। पार्टी से संबंधित वस्तु एवं सेवाओं की आपूर्ति (जिसमें कर्मचारी शामिल है), ऐसा बिना किसी विचार के जब किसी व्यवसाय की अगुवाई में किया जाता है तो यह जीएसटी के तहत कर योग्य है। हालांकि जीएसटी विधेयक में अपवाद भी शामिल हैं। अनुसूची 1 यह सुविधा देती है कि नियोक्ता की ओर सेकिसी वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये से अधिक के उपहारों को वस्तु और सेवाओं की आपूर्ति के रूप में नहीं माना जाएगा।
केपीएमजी इंडिया में अप्रत्यक्ष कर मामलों को देखने वाले सचिन मेनन का कहना है, “सुविधाएं जो कि एक कर्मचारी को प्रदान की जाती हैं और जो कि उसकी कॉस्ट टू सैलरी यानी सीटीसी का हिस्सा नहीं होता है, उस पर जीएसटी लगाया जा सकता है।”
जबकि अलग अलग कंपनियों की संरचनओ में लागत भिन्न होती है। आम तौर पर मुफ्त भोजन, कार पिक एंड ड्रॉप, कर्मचारी के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति इत्यादि सीटीसी पैकेज का हिस्सा नहीं होती है।
संपत्ति का इस्तेमाल:
अनुसूची-II वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति से जुड़ी गतिविधियों से संबंधित है। यहां, खंड 4(बी) कहता है कि जहां व्यापार के उद्देश्य के लिए वस्तुएं रखी जाती हैं, इसे किसी भी निजी उपयोग के लिए रखा जाता है, चाहे वह विचार के लिए हो या नहीं। इस तरह के उपयोग से सेवाओं की पूर्ति और जीएसटी लागू होगा।