आईटी कंपनियों में हजारों लोगों की छटनी से नारायण मूर्ति ने जताया दुख
आईटी कंपनी में हो रही छटनी से इंफोसिस के पूर्व संस्थापक नारायण मूर्ति आहत है
नई दिल्ली (पीटीआई)। इंफोसिस के संस्थापक अध्यक्ष एन आर नारायणमूर्ति ने शुक्रवार को आईटी कंपनियों की ओर से हो रही भारी-भरकम छटनी पर अपना दुख व्यक्त किया है। कंपनियों का कहना है कि वो ऐसा अपनी लागत को कम करने के लिए कर रही हैं। नारायण मूर्ति एक ईमेल के जवाब में कहा, “यह दुखद है।” हालांकि नारायण मूर्ति ने इस पर विस्तार के साथ बात नहीं की। इन्फोसिस ने हाल ही में घोषणा की थी कि वो अपने मिड और सीनियर लेवल के सैकड़ों लोगों को पिंक स्लिप थमाएगी, क्योंकि वह एक चुनौतीपूर्ण कारोबारी माहौल के बीच द्विवार्षिक प्रदर्शन की समीक्षा करने वाला है। यह खबर ऐसे समय में सामने आई है जब विप्रो और काग्निजेंट जैसी कंपनियों ने भी कास्ट कंट्रोल के मद्देनजर इस तरह के कदम उठाने का फैसला किया है।
अमेरिका स्थित कॉग्निजेंट ने डॉयरेक्टर, एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट स्तर के कर्मचारियों के लिए वालिंटरी सेपरेशन प्रोग्राम की पेशकश की है, इसके लिए उन्हें 6 से 9 महीने के वेतन की पेशकश भी की है। इसी तरह विप्रो ने भी एनुअल परफार्मेंस अप्रेजल के तहत 600 कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने को कहा है, जबकि कयास यहां तक भी लगाए जा रहे हैं कि यह आंकड़ा 2,000 रुपए तक जा सकता है। एग्जीक्यूटिव सर्च फर्म हेड हंटर्स इंडिया के मुताबिक भारत के आईटी सेक्टर में अगले तीन सालों तक सालाना आधार पर 1.75 लाख से लेकर 2 लाख तक कर्मचारियों की छटनी होगी।