Move to Jagran APP

जीएसटी लागू होने के बाद कारोबारियों को रखना होगा माल के आवक-जावक का पूरा हिसाब

देश में एक जुलाई से जीएसटी के लागू होने के बाद व्यापारियों को

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 09 Jun 2017 11:47 AM (IST)Updated: Fri, 09 Jun 2017 11:47 AM (IST)
जीएसटी लागू होने के बाद कारोबारियों को रखना होगा माल के आवक-जावक का पूरा हिसाब
जीएसटी लागू होने के बाद कारोबारियों को रखना होगा माल के आवक-जावक का पूरा हिसाब

नई दिल्ली (मनोज पी. गुप्ता, सीए)। सुधीर शर्मा प्लास्टिक मैन्युफैक्चरिंग का बिजनेस करते हैं। ग्वालियर के मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र के निकट उनकी फैक्ट्री है। फिलहाल उनका सालाना कारोबार 1.50 करोड़ रुपए से कम है, लिहाजा उन्हें एक्साइज ड्यूटी से छूट मिली हुई है। लेकिन जीएसटी एक्ट में इस छूट की सीमा 20 लाख रुपए कर दी गई है, लिहाजा शर्मा खुद को इसके लिए तैयार करना चाहते हैं।

loksabha election banner

उन्होंने नईदुनिया को ई-मेल भेजकर जानना चाहा है कि जीएसटी के तहत मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े कौन-कौन से रिकॉर्ड्स रखने पड़ेंगे? जीएसटी एक्ट की धारा 35 के मुताबिक करदाता को अपने व्यवसाय के मुख्य स्थान पर निम्न रिकॉर्ड्स रखने होंगेः

  • माल के उत्पादन से जुड़े रिकॉर्ड्स, मसलन कितने कच्चे माल का इस्तेमाल हुआ है, कितना प्रोडक्शन हुआ है, कितना जॉब वर्क के लिए भेजा गया, कितना प्रोसेस लॉस हुआ आदि
  • कच्चा माल, पैकिंग मटेरियल, फीनिशिंग गुड्स की आवक-जावक और इस्तेमाल की पूरी जानकारी
  • सभी तरह के माल का अपडेटेड स्टॉक रिकॉर्ड
  • इस्तेमाल की गई इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़ी जानकारी
  • टैक्स जमा करना जो बाकी है, उसका ब्योरा, चालान, डेबिट नोट, क्रेडिट नोटकरदाता को गोडाउन और दफ्तर से जुड़े सारे रिकॉर्ड्स नियमित करने होंगे। इसके अतिरिक्त कैश बुक, बैंक बुक और लेजर्स भी बनाने होंगे।

अधिकारी कर सकते हैं जांच
टैक्स अधिकारी किसी भी करदाता के व्यवसाय स्थल पर जांच के लिए जा सकेंगे। जीएसटी एक्ट की धारा 71 के तहत उन्हें यह अधिकार होगा कि वे करदाता के कागजात, जैसे बिल, वाउचर, कंप्युटर, कंप्युटर प्रोग्राम, कंप्युटर सॉफ्टवेयर आदि देख सकें और जांच की तारीख तक की खरीद-बिक्री की जानकारी ले सकें। 6 वर्षों का रखना होगा हिसाबहर करदाता को पिछले 6 वर्षों का हिसाब-किताब संभाल कर रखना होगा।

कर चोरी की आशंका में जीएसटी अधिकारी पिछले 6 वर्षों के हिसाब-किताब की जांच कर सकते हैं। कंप्युटर अथवा डिजिटल तरीके से रखा गया हिसाब मान्य होगा। सुधीर शर्मा ऊपर बताए गए तरीके से अपनी फैक्ट्री, गोडाउन और दफ्तर के रिकॉर्ड्स रखने की तैयारी करें, ताकि उनके लिए टैक्स का आकलन आसान हो और कारोबार सुविधाजनक बने।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.