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देश में 8 से 9 लाख पंजीकृत फर्म मनी लॉन्ड्रिंग के संभावित स्रोत: सरकार

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि देश में नौ लाख कंपनियां अपना सालाना रिटर्न जमा नहीं करा रहीं हैं।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 29 Apr 2017 02:33 PM (IST)Updated: Sun, 30 Apr 2017 01:33 PM (IST)
देश में 8 से 9 लाख पंजीकृत फर्म मनी लॉन्ड्रिंग के संभावित स्रोत: सरकार
देश में 8 से 9 लाख पंजीकृत फर्म मनी लॉन्ड्रिंग के संभावित स्रोत: सरकार

नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत में लगभग नौ लाख पंजीकृत कंपनियां अपना सालाना रिटर्न कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के पास जमा नहीं करा रहीं हैं और इन कंपनियों से संभावित मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा है। यह जानकारी राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने दी है।

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प्रवर्तन निदेशालय के एक समारोह में बोलते हुए अधिया ने बताया कि पीएमओ की ओर से गठित किया गया टास्क फोर्स इन सभी कंपनियों की हर पखवाड़े (15 दिनों में) मॉनीटरिंग कर रहा है। यानी इन पर निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा, “देश में इस वक्त 15 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां हैं जिनमें से करीब 8 से 9 लाख कंपनियां कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के पास अपना सालाना रिटर्न जमा नहीं करवा रही हैं। ऐसे में इन कंपनियों का इस्तेमाल संभावित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए होने का खतरा बढ़ जाता है।”

उन्होंने कहा कि अगर एमसीए के साथ पंजीकृत होने के बाद कंपनियां रिटर्न दाखिल नहीं करती हैं तो इन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के संभावित स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमने इनमें से कुछ को नोटिस भी भेजा है। उन्होंने कहा कि एमसीए सेक्रेटरी और उनकी सह अध्यक्षता में गठित किया गया टास्क फोर्स इन पर बराबर नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि व्यापार आधारित मनी लॉन्ड्रिंग भी इन दिनों प्रमुख हो रही है, जैसा कि 6,000 करोड़ रुपए के बैंक ऑफ बड़ौदा मामले में देखा गया।


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