‘NPA से जुड़े 12 मामलों का IBIB बोर्ड के सामने आना बाकी’
एनपीए से जुड़े 12 मामलों का दिवाला और दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) के समक्ष आना अभी बाकी है
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिवाला और दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) के अध्यक्ष एमएस साहू ने आज कहा कि दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत संकल्प के लिए पहचान किए गए बड़े गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) या बुरे ऋण वाले 12 मामलों का अभी भी बोर्ड के समक्ष आना बाकी है। आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक की आंतरिक सलाहकार समिति ने पिछले हफ्ते संहिता के तहत तत्काल संदर्भ के लिए बैंकरों को 12 खातों की सूची भेजी थी।
साहू ने बताया कि रिजोल्यूशन के लिए ये 12 बड़े एनपीए मामले अभी तक आईबीबीआई के पास नहीं आए हैं और बैंकों को पहले एनसीएलटी में मामलों को दर्ज कराना होगा। आपको बता दें कि साहू दिवाला और दिवालियापन बोर्ड (भारत सरकार) के अध्यक्ष हैं जो कि संहिता लागू कर रहा है। इस संहिता (कोड) के तहत बैंकों को रिजॉल्यूशन के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) से संपर्क करना होगा।
एक बार मामला स्वीकर कर लिए जाने के बाद 180 दिनों के भीतर रिजॉल्यूशन आ जाता है। अगर कोई वैलिड रीजन (पुख्ता कारण) दिया जाता है तो इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है। यह उल्लेख करते हुए कि 100 एनपीए के मामलों को संहिता के तहत पेश किया जा रहा है, साहू ने कहा कि एनसीएलटी अधिक मामलों को संभालने और उन्हें उन्हें समय सीमा के भीतर निपटाने की क्षमता से लैस है।