फिक्स्ड Vs फ्लोटिंग रेट: घर खरीदने के लिए ले रहे हैं लोन? यह प्लान होगा आपके लिए बेहतर
बैंक किसी ग्राहक को होम लोन देते समय दो विकल्प रखते हैं। पहला फ्लोटिंग रेट और दूसरा फिक्स्ड रेट, जानिए कौन सा प्लान है आपके लिए बेहतर
नई दिल्ली। देश के बड़े सरकारी और निजी बैंकों ने अपने एमसीएलआर रेट में कटौती की है। जिसका सीधा मतलब यह है कि भविष्य में बैंकों से मिलने वाले कर्ज की दरें नीचे आएंगी। गौरतलब है कि एमसीएलआर वह दर होती है जिस पर किसी बैंक से मिलने वाले ब्याज की दर तय होती है। इससे कम दर पर कोई भी बैंक लोन नहीं दे सकता है, सामान्य भाषा में यह आधार दर ही होती है।
सबसे लंबी अवधि के लिए लिया जाने वाला कर्ज यानी होम लोन किसी ग्राहक को लोन देते समय उसके सामने दो विकल्प रखते हैं। पहला फ्लोटिंग रेट और दूसरा फिक्स्ड रेट। दोनों ही प्लान के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। ऐसे में जब बैंक की लेंडिंग रेट कई वर्षों के निचले स्तर पर हों तक ग्राहकों के लिए इस सवाल का जवाब और भी जरूरी हो जाता है।
विशेषज्ञ का नजरिया
फाइनेंशियल एक्सपर्ट बलवंत जैन का कहना है कि जब ब्याज दर चक्र में गिरावट का रुख हो तो उस स्थिति में ग्राहकों को फ्लोटिंग रेट पर लोन लेना फायदेमंद रहता है। वहीं, अगर इसमें तेजी देखने को मिलती है तो फिक्स्ड लोन रेट का चयन करना चाहिए। मौजूदा समय में ब्याज दरों में लगातार कमी देखने को मिल रही है ऐसे में फ्लोटिंग का विकल्प बेहतर साबित होगा।
समझिए फिक्स्ड और फ्लोटिंग रेट के फायदे-नुकसान
फिक्स्ड होम लोन प्लान में बैंक फिक्स्ड इंटरेस्ट चार्ज करते हैं। मसलन आपको बैंक से एक तय रेट पर होम लोन मिलता है। यदि किसी कारण से मार्केट में उतार-चढ़ाव या आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कटौती के चलते इंटरेस्ट रेट में बदलाव आता भी है तो बैंक दिए हुए इंटरेस्ट में कोई बदलाव नहीं करता। इससे आपके लोन की ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होता। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि भविष्य में ब्याज दर बढ़ने पर आपके ऊपर इसका तत्कालिन असर नहीं होता है क्यों कि आपकी ओर से लिए गए लोन पर ब्याज दर नहीं बढ़ती है।
फिक्स्ड होम लोन के नुकसान
भविष्य में इंटरेस्ट रेट में कटौती होने पर इसका फायदा आपको नहीं मिलता है। बैंक आपकी ओर से लिए गए लोन की ब्याज दरों में कटौती नहीं करता। आपको बता दें कि फिक्स्ड रेट पर होम लोन का इंटरेस्ट रेट एक से दो फीसदी ज्यादा होता है। बैंक ऐसा भविष्य में ब्याज दरों में होने वाली बढ़ोतरी को देखते हुए करते हैं।
क्या होता है फ्लोटिंग होम लोन प्लान
फ्लोटिंग होम लोन प्लान में ब्याज बैंक के बेस रेट से लिंक्ड होता है। इस कारण बेस रेट में बदलाव होने से ब्याज दर घट या बढ़ जाती है। फ्लोटिंग होम लोन प्लान में रेट ऑफ इंटरेस्ट फिक्स्ड होम प्लान की तुलना में कम होता है। इस वजह से आपकी ईएमआई फिक्स्ड रेट प्लान के मुकाबले कम होती है।
फ्लोटिंग होम लोन प्लान के नुकसान
यदि आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है तो बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करते हैं। इस स्थिति में फ्लोटिंग रेट पर होम लोन लिए हुए व्यीक्ति को ज्यादा ईएमआई चुकानी पड़ सकती है। यदि इंटरेस्ट रेट बढ़ने की उम्मीयद हो तो फ्लोटिंग रेट प्लान में होम लोन नहीं लेना चाहिए।