खिचड़ी के साथ स्कूली बच्चों को नहीं मिल रहा मौसमी फल,आक्रोश
बेतिया। सरकारी विद्यालयो में मध्याहन भोजन की सूची में बच्चों को बुधवार व शनिवार को खिचड़ी देने के साथ साथ सिजनल फल देने की योजना इन दिनों फिसड्डी होती नजर आ रही है।
बेतिया। सरकारी विद्यालयो में मध्याहन भोजन की सूची में बच्चों को बुधवार व शनिवार को खिचड़ी देने के साथ साथ सिजनल फल देने की योजना इन दिनों फिसड्डी होती नजर आ रही है। इससे स्कूली बच्चों व उनके अभिभावकों में एक ओर जहां आक्रोश का माहौल है वहीं दूसरी ओर इस योजना पर प्रश्नचिह्न लगता नजर आ रहा है। बता दें कि नौतन व बैरिया के कुछ विद्यालयों में प्रारंभ के दिनों में बच्चों को शनिवार व बुधवार को केला देकर इस योजना को अमलीजामा पहनाने की खबर सुर्खियों में थी और उम्मीद की जा रही थी कि इससे प्रभावित होकर जिले के अन्य विद्यालयों के प्राचार्य भी इस तरह का कदम उठाऐंगे लेकिन ऐसा कुछ कारगर असर कहीं नहीं दिखा। पूछे जाने पर कई प्राचार्यों ने दबी जुबान यह तक कह दिया की नोटबंदी के कारण इन दिनों भोजन की अन्य सामग्रियां खरीदने में परेशानी हो रही है ऐसे में फल कोई कहां से खरीदे। इससे बच्चों के लिए फल उपलब्ध कराने की योजना कम से कम इस जिले में दम तोड़ती नजर आ रही है। जानकारी के अनुसार मेन्यू के अनुसार सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को सप्ताह में एक दिन सीजनल फल देना है ताकि वे कूपोषण का शिकार नहीं हो लेकिन अधिकांश विद्यालय प्रबंधन नोटबंदी का बहाना बनाकर कन्नी काट रहे हैं। इधर अभिभावकों ने बताया कि नोटबंदी तो एक बहाना है हकीकत तो यह है कि केंद्र सरकार के द्वारा नोटबंदी के आदेश के पहले भी स्कूली बच्चों को सीजनल फल नहीं मिलता था जबकि इस एवज में सरकारी राशि का उठाव कर लिया जाता था। इससे जिले के अभिभावकों में आक्रोश का माहौल है। अव्वल तो यह है कि इस योजना की पड़ताल करने के लिए बीआरसरी व सीआरसी स्तर पर अधिकारियों के द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण व अनुश्रवण करने की भी तत्परता नहीं देखी जा रही है इससे विद्यालयों के प्राचार्य व शिक्षा समिति के सदस्य भी सुस्त पड़े हुए है। ऐसे में बच्चे कूपोषण के शिकार होकर किस प्रकार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा ग्रहण करेंगे यह अपने आप में एक यक्ष प्रश्न बनता नजर आ रहा है।
इनसेट बयान
बुधवार व शनिवार को खिचड़ी के साथ सीजनल फल देने की योजना बनायी गयी है ताकि बच्चे कूपोषण का शिकार नहीं हो। इस योजना में कोताही बरतने वाले प्राचार्यो पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
डा विमल ठाकुर, प्रभारी मिड डे मिल योजना