स्कूल आओ, खिचड़ी-चोखा खाओ और घर जाओ
बगहा। प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में वार्षिक परीक्षा खत्म हो चुकी है। वार्षिक परीक्षा के बाद आम तौ
बगहा। प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में वार्षिक परीक्षा खत्म हो चुकी है। वार्षिक परीक्षा के बाद आम तौर पर बच्चे कुछ दिनों की छुट्टी चाहते हैं और यह व्यवस्था रही भी है। लेकिन अबकी बार ऐसी व्यवस्था नहीं है। परीक्षा के बाद भी छात्रों को स्कूल में बुलाया जा रहा है। पढ़ाई तो नहीं है। सिर्फ खेलकूद व मध्याह्न भोजन कराने के बाद छुट्टी। चूंकि अभी तक बच्चों को छुट्टी देने संबंधित कोई भी आदेश नहीं आने के कारण बच्चों को विद्यालय से जोड़े रखना जरूरी है। ऐसे में शिक्षक विद्यालय में मूल्यांकन को लेकर रोज आना शुरू कर दिए है । पर बच्चों को विद्यालय में भी उपस्थित रखना जरूरी है। शनिवार का दिन होने के कारण विद्यालय में वैसे भी पढ़ाई का जोर कम रहता है। ऐसे में परीक्षा के उपरांत छात्र व छात्रा भी मनमौजी हो चले है। परन्तु शिक्षकों के बदौलत शनिवार को भी विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति कम नहीं मिली। दिन शनिवार समय 11:30 राजकीय प्राथमिक विद्यालय नरैनापुर यादव टोली। बच्चें अपने कक्षाओं में बैठे पढ़ रहें है। बच्चों को रोक कर रखने में शिक्षक कामयाब है। उपस्थिति भी अच्छी खासी देखने को मिली।
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परीक्षा के बाद भी बच्चों में है उत्साह
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वार्षिक मूल्यांकन के बाद भी बच्चों का उत्साह कम नहीं दिखा। वर्ग एक से लेकर 05 तक के बच्चों से वर्ग अनुकूल जो भी सवाल किए गए सबने सही सही जबाव दिया। इस दौरान एबीसीडी, वन, टू, थ्री समेत अन्य प्रश्नों के जबाव बच्चों ने संतोषजनक दिए। जिससे लगा कि 150 बच्चों के बीच रहने वाले दो शिक्षक अपने मेहनत को बच्चों के साथ साझा करते है।
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किचन में मिला खिचड़ी और चोखा
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विद्यालय के किचन में मध्याह्न भोजन की तैयारी मिली। पूछने पर रसोइया ने बताया कि शनिवार का दिन होने के कारण बच्चों को मेनू के अनुसार खिचड़ी और चोखा दिया जाएगा। खिचड़ी तैयार है। जबकि चोखा बनाने का कार्य किया जा रहा है। तीन कार्यरत रसोइये में एक अवकाश के कारण उपस्थित नहीं थी।
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हाल में ही मिला है जर्जर भवन से निजात
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बता दें कि इस विद्यालय के पास भवन ही नहीं थी। जिसके वजह से नरैनापुर गांव के ही एक जर्जर सामुदायिक भवन में वर्षो से संचालित हो रहा था। इस विद्यालय को हाल में ही सौगात के रूप में भवन की प्राप्ति वर्षो बाद हुई है। जिसमें अब बच्चों को शिक्षा देने का कार्य किया जा रहा है। नए भवन में सारी सुविधाएं उपलब्ध है भवन के कमरे, किचन व चापाकल सभी व्यवस्थित दिखें।
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विद्यालय के मैदान को लेकर है समस्या
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विद्यालय के नए भवन के साथ ही यहां बच्चों के खेलने के लिए बहुत बड़ा मैदान है। परन्तु शिक्षकों की माने तो यहां गाय, भैंस, बकरी स्थानीय लोगों के द्वारा छोड़ देने पर बच्चों को खेलने में बहुत कठिनाई होती है। जिसे कई बार कहने के बाद भी इसमें सुधार नहीं हो सका।
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बयान :
विद्यालय में बच्चों के अनुपात में 05 शिक्षकों की आवश्यकता है। पर मात्र दो शिक्षकों में काम चलाया जाता है। विद्यालय में खेल के मैदान की आवश्यकता है। इसको लेकर ग्रामीणों से बातचीत की जा रही है।
इश्तियाक अहमद, प्रधानाध्यापक, रा. प्रा. वि. नरैनापुर यादव टोली