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महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका

बगहा। गांव देहात की महिलाएं भी आज आत्मनिर्भर हो चुकी है। इसमें बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। स

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 03:02 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 03:02 AM (IST)
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका

बगहा। गांव देहात की महिलाएं भी आज आत्मनिर्भर हो चुकी है। इसमें बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सभी बैंक प्रबंधनों ने समय समय पर ऋण उपलब्ध कराकर महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। दूसरी ओर जीविका ने महिला समूहों को प्रोत्साहित किया है। शनिवार को बगहा दो स्थित होटल विशाल के सभागार में जीविका के तत्वावधान में आयोजित विशेष बैंकर कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपरोक्त बातें उत्तर बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक विजयकांत झा ने कही। इससे पूर्व कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन श्री झा, जीविका के राज्य परियोजना प्रबंधक पुष्पेंद्र तिवारी, बैंक कंसल्टेंट अरुण तिवारी, एसबीआइ बगहा दो के प्रबंधक संजय कुमार आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। क्षेत्रीय प्रबंधक श्री झा ने कहा कि जीविका के तत्वावधान में स्वयं सहायता समूहों का गठन कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए बैंक प्रबंधन पूरी तरह से सजग है। इस कड़ी में वित्तीय वर्ष की आखिरी तिमाही में ग्रामीण बैंक ने बगहा क्षेत्र की कुल 930 समूहों को कुल 4 करोड़ 65 लाख रुपये उपलब्ध कराया। अन्य वक्ताओं ने बैंकरों के सहयोग और उनके दायित्वों पर प्रकाश डाला। साथ ही जीविका के द्वारा किए गए कार्यो की जानकारी दी गई। उक्त कार्यशाला का संचालन चंद्रप्रभात और नरेश कुमार ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन रितेश कुमार ने किया। इस कार्यशाला में सभी बैंकों के कर्मी और जीविका समूह के कई सदस्य उपस्थित थे।


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