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बिना निबंधन दवा दुकान, मोटी कमाई कर रहे संचालक

बेतिया। जिले में स्वास्थ्य से खिलवाड़ चरम पर हैं। इस खेल की पहली सीढ़ी दावा दुकान है। जहां आये दिन मौ

By Edited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 12:34 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 12:40 AM (IST)
बिना निबंधन दवा दुकान, मोटी कमाई कर रहे संचालक

बेतिया। जिले में स्वास्थ्य से खिलवाड़ चरम पर हैं। इस खेल की पहली सीढ़ी दावा दुकान है। जहां आये दिन मौत बेची जा रही हैं। यह धंधा दुकानदार, भगवान का दूसरा रूप माने जाने वाले चिकित्सक व विभागीय अधिकारियों की की से¨टग गे¨टग से खूब फल फूल रहा हैं। गांवों से लेकर जिला मुख्यालय में भी इस धंधा को बेहतर ढंग से अंजाम दिया जा रहा हैं। भले ही इन दवाओं से मरीज ठीक होने के बजाय हर दिन काल के गाल में समा रहा हो लेकिन अपना धंधा चमकाने के लिए चिकित्सक भी इस धंधे को खूब गति दे रहे हैं। हालांकि इन दवा दुकानों पर नकेल कसने के लिए विभाग की ओर से अधिकारियों को भी तैनात किया गया हैं लेकिन इस से¨टग गे¨टग के खेल ने सभी नियमों को ताक पर रख दिया हैं। इसकी बानगी गांव से लेकर शहर तक बिना निबंधन के धड़ल्ले संचालित दवा दुकानों को देख कर सहज ही लगाया जा सकता हैं। विभागीय जानकारों की माने तो गांव से लेकर जिला मुख्यालय में अधिकांश दवा दुकाने बिना निबंधन के ही धड़ल्ले संचालित हो रही हैं। जो निबंधित हैं वे भी विभाग की ओर से तय मानक को ठेंगा दिखा रहे हैं। यानि इनके द्वारा भी कई ऐसी दवाएं बेची जा रही हैं जो प्रतिबंधित हैं। हालांकि इसकी सच्चाई जांच के बाद ही पता चलेगी लेकिन विभागीय जानकारों की माने तो इसमे तनिक भी संदेह नहीं है कि ये दवा दुकाने भी हर रोज आम आदमी के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं । सैम्पल, जेनरिक सहित एक्सपायरी दवाएं बेरोकटोक बेची जा रही है। खासकर, ग्रामीण इलाकों में। यहां तो प्रतिबंधित दवाएं बेच कर एक तरफ जहां दुकानदार माला माल हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ आम आम आदमी अपने जीवन के जंग से हार रहा है। ऐसा नहीं की इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों या औषधी निरीक्षकों को नहीं हैं। बल्कि वे सब कुछ जानकर भी रहस्मय ढंग से मौन हैं। विभागीय आकड़ों पर गौर करें पिछले कई माह से छापेमारी नहीं हुई हैं। पहले जिन दवा दुकानदारों के खिलाफ छापेमारी हुई भी हैं उनमे अधिकांश के बाद कार्रवाई नहीं की गई । नतीजतन इनके हौसले आज भी बुलंद हैं।

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बयान

दवा जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसमे किसी तरह की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। अभियान चलाकर ऐसी दुकानों के खिलाफ छापेमारी की जाएगी।

डा. अनिल कुमार सिन्हा

सिविल सर्जन, बेतिया


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