टाइम बम कांड : पर्दे के पीछे भी छिपे कई चेहरे
बेतिया। नरकटियागंज की विधायक रही रश्मि वर्मा के घर पर धमकी भरे पत्र और टाइम बम रखने के मामले में स्थ
बेतिया। नरकटियागंज की विधायक रही रश्मि वर्मा के घर पर धमकी भरे पत्र और टाइम बम रखने के मामले में स्थानीय पुलिस की जांच व कार्रवाई के बाद भी कई सवाल अब भी अनसुलझे रहे गए हैं। पुलिस ने इस मामले में सिर्फ एक युवक को गिरफ्तार कर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली है। जबकि, सूत्रों का कहना है कि अगर मामले में उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तो कई सनसनीखेज खुलासे हो सकते हैं। सूत्रों की बात पर यकीन करें तो पर्दे के पीछे भी कई सफेदपोश चेहरे अब भी बेनकाब हैं। इस घटना को अंजाम देने के पीछे राजनीतिक प्रतिद्वंदिता और राजनीतिक लाभ-हानि की नीयत के साथ-साथ कोई तीसरा कोण भी हो सकता है, जो राजनीतिक लड़ाई के पीछे अपना स्वार्थ साधने की कोशिश करें। धमकी भरे पत्र की हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराने पर जांच एजेंसी को मदद मिल सकती है। मगर, पुलिस अनुसंधान में इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया। पुलिस मामले में एकमात्र शिक्षक पुत्र शाहनवाज रिजवान को ही गिरफ्तार कर सकी है। इसके बाद 'अनुसंधान चल रहा है' का रटारटाया जवाब छोड़कर कुछ भी नहीं है। जबकि, पुलिस रिजवान की स्वीकारोक्ति के आधार पर मामले में रश्मि वर्मा को ही इसका सूत्रधार मान रही है। यहां बता दें कि शाहनवाज रिजवान पूर्व विधायक रश्मि वर्मा का समर्थक है। पुलिस का दावा है कि मामले में शाहनवाज ने चार-पांच अन्य लोगों के नामों का भी खुलासा किया है, मगर पुलिस के हाथ उनकी गिरेबां तक अब भी नहीं पहुंच पाए हैं। पुलिस के अनुसार शाहनवाज ने पूछताछ में यह बताया है कि पूर्व विधायक रश्मि वर्मा के कहने पर ही वहां बम रखा गया था। उल्लेखनीय है कि रश्मि वर्मा के उस कार्यालय में पहली बार 28 सितम्बर को एक धमकी भरा पत्र फेंकने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। जिसमें उन्हें चुनाव नहीं लड़ने और नामांकन पत्र दाखिल नहीं करने समेत कई तरह की धमकियां दी गयी थी। इसके बाद 10 अक्टूबर को अहले सुबह उसी कार्यालय के गेट पर धमकी भरे पत्र के साथ टाइम बम रखने की घटना घटी। इसके बाद यह घटना सुर्खियों में पहुंच गयी।
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इनसेट
मामले की हो सीआईडी जांच : रश्मि फोटो : 28 बीईटी 14
पूर्व विधायक रश्मि वर्मा का कहना है कि मैं पहले ही कह चुकी हूं कि मुझे यहां की पुलिस पर भरोसा नहीं है। इसलिए पूरे मामले की सीआईडी जांच होनी चाहिए। मैं खुद पर भी लगे आरोपों की जांच को तैयार हूं, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। इसको लेकर मैंने सरकार को भी पत्र लिखा है। पुलिस कुछ बड़े लोगों के कारण मोटीवेटेड है, वह सही अनुसंधान नहीं कर सकती है। मैंने राजनीति के साथ पारिवारिक स्तर पर भी विरोध व संघर्ष झेल चुकी हूं। इसलिए इस सबसे घबराती नहीं हूं। सत्य एक दिन जरूर सामने आकर रहेगा।
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इनसेट बयान
फोटो : 28 बीईटी 15
'पूरे मामले का खुलासा हो चुका है। एक युवक को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, अन्य लोगों पर जांच व कार्रवाई चल रही है। जो भी संलिप्त होंगे बच नहीं सकते। अगर पुलिस जांच के संबंध में किसी को कुछ कहना है तो वह आवेदन दे सकता है उसका जरूर निष्पादन किया जाएगा।'
विनय कुमार
पुलिस अधीक्षक
पश्चिम चंपारण