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अपनों से ही जंग हारने के कगार पर पहुंचा रिटायर्ड फौजी

बेतिया। सन 1971 की जंग में पश्चिमी पाकिस्तान को धूल चटाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला रिटायर्ड फ

By Edited By: Published: Wed, 14 Oct 2015 01:06 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2015 01:06 AM (IST)
अपनों से ही जंग हारने के कगार पर पहुंचा रिटायर्ड फौजी

बेतिया। सन 1971 की जंग में पश्चिमी पाकिस्तान को धूल चटाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला रिटायर्ड फौजी अपनी माटी पर अपनों से ही जंग हारने के कगार पर है। उसे मलाल इस बात की है कि पूरे देश में घूम घूम कर शरहद की रक्षा की और जब रिटायरमेंट के बाद अपनी जन्मभूमि पर आकर चैन की सांस लेना चाहा तो अपनों ने ही उसके नाक में दम कर दिया। अफसोस इसका भी है कि सबको मदद करने के दावा के साथ काम करने वाली पुलिस उसकी मदद नहीं कर रही। शनिचरी थाना क्षेत्र के गोरा निवासी थल सेना से सेवानिवृत्त फौजी शिवनारायण मिश्र अपनी आप बीती बताते बताते भावुक हो उठे। श्री मिश्र ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद अपने गांव आया तो उसके पट्टीदार उसकी जमीन हड़पने की फिराक में पड़ गये। उनके साथ कई भू माफिया मिले है। स्थानीय पुलिस से कई बार शिकायत करने के बाद भी बात नहीं बनी तो राष्ट्रपति तक को पत्र भेज शिकायत की। उन्होंने कहा कि विभिन्न अवसरों पर बेहतर प्रदर्शन के लिए कई मेडल मिल चुका है। सन 71 के युद्ध में संग्राम मेडल, पश्चिमी स्टार मेडल, विदेश सेवा मेडल, 25 वीं रजत जयंती मेडल लेकिन अब पता चला कि मेडलों की भरमार से जिंदगी नहीं जीया जाता। लिहाजा न्याय नहीं मिलने से हताश फौजी मेडलों को लौटाने की सोच रहा। श्री मिश्र ने कहा कि उसकी शादी शुदा पुत्री उसके साथ रहती है और कुछ लोग उसे धमकी दिए थे। इस मामले में शिकायत के बाद कुछ लोगों पर 107 की कार्रवाई हुई अब वहीं लोग जान मारने की धमकी दे रहे है। व्यवस्था से निराश फौजी ने कहा कि अपनी जन्म भूमि पर जंग हारना उसे कतई स्वीकार नहीं होगा। लिहाजा अंतिम दम तक लड़ाई जारी रखेगा।


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