पैक्स मतदाता सूची में गड़बडि़यों की अंबार
नरकटियागंज, संवाद सहयोगी : मतदाता सूची के अंतिम प्रकाश के साथ ही पैक्स चुनाव के लिए गोलबंद व संघर्ष के प्लेटफार्म तैयार कर दिये गये है। कई पंचायतों में दशकों पूर्व सदस्यों को या तो मृत या विस्थापित बता कर सदस्यता से वंचित कर दिया गया है। भ्रष्टाचार और साजिश में कई पैक्स अध्यक्षों व बीसीओ ने दावा आपत्ति के बाद भी मनमानी की और पुन: अध्यक्ष बनने बनाने में अनगिनत वास्तविक हकदारों को सूची से ही बाहर कर दिया। इस कुव्यवस्था की कलई पैक्स चुनाव के लिए मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन और गांवों में सूची को देख कर लोग खोलने लगे है। लोगों का कहना है कि पैक्स अध्यक्षों के इशारे पर संबंधित विभाग और सदस्यता शुल्क जमा करने में को ऑपरेटिव बैंक के रवैये से परेशानी हुई। बैंक पर आये दिन हंगामा हुआ। सरकार के उन उद्देश्यों को यहां विफल करने की दिशा में और सदस्यता से वंचित करने में कौन-कौन सा हथकंडा नहीं अपनाया गया। कई परिवार सदस्यता से वंचित रख दिये गये। जबकि चहेते कई परिवारों मे तो नाबालिग से लेकर कब्र में लटके हुए पांव वाले सभी महिला पुरुषों को भी सदस्य बना दिया गया है। कुछ पंचायतों में तो जिंदा और कई बार पैक्स चुनाव में भाग ले सके सदस्यों को मृत बना दिया गया है। हद तो यह हो गयी जब सुगौली पंचायत के मुखिया का ही नाम सदस्यों की सूची में लोगों ने गायब पाया। गड़बड़ियों की सिलसिला यहीं पर खत्म नहीं होती। जागरुक, किसान, बुद्धिजीवी और प्रगतिशील लोगों को दूसरे पंचायत में पैक्स सदस्य बना दिया गया है। पैक्स चुनाव के लिए मतदाता सूची लेकर अपने-अपने पक्ष में निकले भावी दावेदारों को लेागों का आक्रोश भी झेलना पड़ रहा है। सदस्यों तथा इससे वंचित किये गये लोगों का कहना है कि गड़बड़ियों का खामियाजा मतदान के दिन भुगतना पड़ सकता है। साजिश व भेदभाव करने वाले कई अध्यक्षों के खिलाफ सदस्य गोलबंद होकर मतदान की तैयारी में है। संभव है कि पैक्स का यह चुनाव वैसे कई पंचायतों में विधि व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न करेगा। -------------
बयान
अंतिम सूची का प्रकाशन किया गया है। बावजूद इसमें मिली आपत्ति के बाद अपडेशन का कार्य भी किया जा रहा है। सदस्यों को मृत बनाने या विस्थापित करने का मामला पहले ही पैक्स अध्यक्षों के भूल से जुड़ा है।
सोमेश्वर राम
बीसीओ
नरकटियागंज