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वर्षो की बीमारी क्या दो हफ्ते में सुधरेगी?

By Edited By: Published: Wed, 13 Aug 2014 04:45 PM (IST)Updated: Wed, 13 Aug 2014 04:45 PM (IST)
वर्षो की बीमारी क्या दो हफ्ते में सुधरेगी?

-एसडीओ के निर्देश पर भी नही हुआ सुधार

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-खंभों व तारों का गिरने का सिलसिला नहीं थम रहा

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-आजिज हुए उपभोक्ताओं ने एसडीओ से की थी शिकायत

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बगहा (पच), संवाद सहयोगी :नगर की विद्युत व्यवस्था कोढ़ में खाज की तरह हो गयी है। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे सुधारने के लिए घोषणा पर घोषणाएं की थी। परंतु धरातल पर स्थिति जगजाहिर है। बार-बार विद्युत बाधित होने से नगर क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्र के लोग तंग आकर एसडीओ मंजूर आलम से भेंट कर आवेदन दिया है। एसडीओ ने इसे गंभीरता से लेते हुए विभाग के सहायक अभियंता विशाल कुमार चौधरी कनीय अभियंता विवेक कुमार के साथ बैठक करते हुए विद्युत आपूर्ति 15 दिनों के भीतर सुधारने का आदेश दिया। इस आदेश के एक सप्ताह बाद भी तारों और खंभों का गिरने का सिलसिला जारी रहा। आपूर्ति सुधरती नही दिख रही है। ऐसे में नगर सहित पूरे क्षेत्र में यह चर्चा जोरो पर है कि क्या वर्षो की बीमारी दो हफ्तों में ठीक होगी। हालांकि हरिनगर से स्थापना काल के तारों से बगहा को आपूर्ति दी जा रही है। अब चौतरवा ग्रिड से बगहा को जोड़ने की पहल विभाग संवेदक के माध्यम से शुरू किया है। ऐसे में दो दो सप्लाई उपलब्ध होने से शायद कुछ महीने बाद आपूर्ति सुधरे।

कभी 12 तो कभी 24 घंटे गुल रहती है बिजली

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ग्रामीण क्षेत्रों की कौन कहे शहरी क्षेत्र में भी अनियमित आपूर्ति के कारण लोग परेशान हैं। अधिकांश रातों में श्हार अंधेरे मे डूबा नजर आता है। विभाग कहीं पर फाल्ट तो कभी तार गिरने का बहाना बना अपना पल्ला झाड़ लेता है। इस माह के 13 दिनों की बात करें तो करीब आठ दिन कभी 12-13 घंटे तो कभी 24 घंटे बिजली गुल रह चुकी है। वहीं इसी बीच बिजली ने 37 घंटे गुल रहने का रिकार्ड बना चुकी है।

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फिर हो गई है बिजली गुल, लोगों में आक्रोश

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पूरी रात बिजली गायब रहने के बाद बुधवार की सुबह करीब नौ बजे बिजली रानी ने दर्शन दी। करीब डेढ़ दो घंटे की आपूर्ति के बाद फिर पूरे दिन बिजली गायब हो गई। बिजली आपूर्ति की अनियमितता से लोगों में आक्रोश बढ़ता चला जा रहा है। वहीं बिजली के अभाव में यहां जनरेटर व्यवसाय को बढ़ावा मिल रहा है। जिससे लोगों को बेवजह अपनी जेब ढ़ीले करनी पड़ रही है।

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