बॉटम : 'डायवर्सन ट्रैक' पर बढ़ी युवाओं की रफ्तार
इंटरनेशनल यूथ डे पर विशेष
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हर क्षेत्र में लहरा रहे
सफलता के परचम
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राष्ट्रीय स्तर पर कामयाब हो
रहे जिले के युवा व युवतियां
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बेतिया, जागरण संवाददाता: वो दिन लद गये जब युवाओं की नजर सिर्फ डीएम एसपी अथवा डॉक्टर- इंजीनियर बनने पर ही टिकी रहती थी। समय बदला तो जिले के युवाओं की सोच ने भी समय के रुख को जिदंगी की रफ्तार के 'डायवर्सन ट्रैक' पर डाल दिया। जबरन किसी रास्ते पर बेमन से ही दौड़ने की बजाय अब जिले के युवाओं ने अपनी स्वभावगत योग्यता पर फोकस करना शुरू कर दिया है। सबसे पहले हम थरुहट की बात करें तो यहां की जो युवतियां कल तक अपने माता पिता के साथ मजबूरी और आर्थिक विपन्नता के कारण किसानी में रुचि रखना ही अपना कर्तव्य मानती थी आज वे अपनी प्रखरता के बलबूते मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा में अस्सी फीसद अंक पाकर जिले मे अपनी सफलता का परचम लहरा रही है। कल्पना,नेहा,रजनी व कनक थरुहट की वो युवतियां जो सफलता के पथ पर बिना रुके बिना झुके कदम दर कदम आगे बढ़ रही है। उनके लिए धान की रोपनी व सोहनी गये दिन की बात हो गयी। वहीं दूसरी तरफ नरकटियागंज अनुमंडल के कई ऐसे युवक भी हैं जिनके पास देश के अव्वल संस्थानों से प्राप्त टेक्निकल डिग्रियां हैं लेकिन वे किसानी कर रेकार्ड पैदावार से अपने जिले का नाम रौशन कर रहे हैं। रंगमंच व भोजपुरी फिल्म से लेकर बॉलीवुड के गलियारों में भी यहां के युवकों ने अपनी खास पहचान बनायी है। हाल ही में नरकटियागंज के अमोलवा निवासी व देश प्रसिद्ध बॉलिवुड अभिनेता मनोज वाजपेयी ने अपनी पांच दिवसीय यात्रा के दौरान जिले के युवाओं को हर क्षेत्र में अग्रणी देखकर हर्ष जाहिर किया था। इधर, इको क्लब से जुडे़ युवा सद्र- ए-आलम ने एक तरफ जहां जिले की हरियाली के लिए रोचक कार्य किये वहीं दूसरी ओर देश के कोने कोने में आयोजित कार्यशालाओं में शिकरत कर जिले के युवाओं का मान भी बढ़ाया। विगत वर्ष सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर जिले के कई युवाओं ने देश में कामयाबी का परचम लहराया। युवा पर्यावरणविद मनोज गुप्ता ने जिले के सभी प्रखंडों में घूम घूम कर आम, जामुन, चंपा, लीची, हरश्रृंगार , अशोक व नीम आदि के पौधे लगाकर लोगों को 'ग्रीन बेतिया' के कांसेप्ट के प्रति जागरुक किया। इधर युवा शिक्षाविद श्री ज्ञानदेव मणी त्रिपाठी जो वर्तमान में हाजीपुर में बतौर प्रिंसिपल कार्यरत है, ने जिले में इन दिनों डायट सेंटर सहित अन्य केंद्रों पर चलाए जा रहे डीएलएड प्रशिक्षण में शामिल शिक्षक शिक्षिकाओं का मार्गदर्शन किया हैं ताकि शिक्षकों की गुणवत्ता में बढ़ोतरी हो सके। कहा जाता है कि 'एभरी चाइल्ड इज स्पेशल' अर्थात हर बच्चा किसी न किसी खास गुण के साथ पैदा होता है लेकिन यह बात पश्चिमी चंपारण के युवाओं के साथ भी लागु हो रहा है। यहां के युवा एक तरफ जहां हर क्षेत्र में कामयाबी के नये अध्याय गढ़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर पारंपरिक रोजगार के साधनों को त्याग कर वैश्रि्वक स्तर पर अपने आप को हर काम के लिए तैयार कर रहे हैं। ऐसे में वह दिन दूर नहीं जब जिले के युवाओं के कारण एक बार फिर देश स्तर पर चर्चा में होगी पश्चिमी चंपारण की सत्याग्रही भूमि।