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हत्या में तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास

वैशाली। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ भोलानाथ तिवारी ने हत्या के मामले में तीन लोगों के खिल

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Feb 2017 03:04 AM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2017 03:04 AM (IST)
हत्या में तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास
हत्या में तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास

वैशाली। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ भोलानाथ तिवारी ने हत्या के मामले में तीन लोगों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा बुधवार को सुनाई है। घर से एक व्यक्ति को यज्ञ में प्रवचन सुनने के लिए बुलाकर ले जाने तथा लौटने के दौरान पिस्तौल से गोली मारकर हत्या कर दिए जाने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अभियुक्तों पर 12-12 हजार रुपये अर्थदंड भी कोर्ट ने लगाया है।

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मिली जानकारी के अनुसार जुड़ावनपुर थाना क्षेत्र के विश्रामपुर शिवनगर गांव के मुकेश साह को उसके गांव के ही पवन साह, भद्दु साह तथा पहाड़पुर गांव के रंजीत महतो पड़ोस में हो रहे यज्ञ में प्रवचन सुनने के लिए वर्ष 2010 के 25 अप्रैल को आठ बजे रात्रि में ले गए थे। यज्ञ में प्रवचन सुनने के बाद एक बजे रात्रि में वह अपने घर के लिए चला। इसी दौरान गांव के ही लंका टोला के निकट पवन साह, भद्दु साह तथा रंजीत महतो ने उसे गोली मार दी। स्थानीय लोगों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र राघोपुर में भर्ती कराया। वहीं पुलिस ने मुकेश साह के बयान पर पवन साह, भद्दु साह तथा रंजीत महतो के विरुद्ध भादवि की धारा 307, 120वी 34 तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत प्राथमिकी दर्ज की।

इसी दौरान उसकी स्थिति गंभीर हो देख उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। पीएमसीएच में मुकेश साह की मौत 26 अप्रैल 10 को हो गई। पुलिस ने इस मामले में मौत के बाद धारा 302 जोड़ दिया। मामले में पुलिस ने वर्ष 2012 के 15 नवंबर को आरोपियों के विरुद्ध भादवि की धारा 302, 120वी 34 तथा शस्त्र अधिनियम 27 के तहत आरोप पत्र समर्पित किया। मामले में न्यायालय ने वर्ष 2012 के 18 दिसंबर को संज्ञान लिया। इसी मामले में सहायक लोक अभियोजक शब्द कुमार तथा बचाव पक्ष के बिजली प्रसाद शर्मा के कराए गए साक्षियों के परीक्षण-प्रतिपरीक्षण के पश्चात पवन साह, भद्दु साह तथा रंजीत महतो को 17 फरवरी को दोषी करार दिया गया था। इसी मामले में बुधवार को पवन साह, भद्दु साह एवं रंजीत महतो के आजीवन कारावास तथा 12-12 हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनाई गई।


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