कृषि विभाग के आंकड़े से संतुष्ट नहीं
जागरण संवाददाता, हाजीपुर किसानों को जल्द ही उनकी फसल की क्षति का मुआवजा मिलेगा। वैशाली के प्रभार
जागरण संवाददाता, हाजीपुर
किसानों को जल्द ही उनकी फसल की क्षति का मुआवजा मिलेगा। वैशाली के प्रभारी सह बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री ने अफसरों के साथ बैठक के उपरांत यह जानकारी देते हुए बताया है कि सरकार के स्तर पर राशि का आवंटन जिलों को कर दिया गया है। जल्द ही वितरण का काम शुरु हो जाएगा।
प्रभारी मंत्री ने बताया कि फसल क्षतिपूर्ति को लेकर उन्होंने विस्तार से समीक्षा की है। उन्हें जो रिपोर्ट दी गयी है उसके अनुसार 56662 बड़े एवं 55289 लघु-सीमांत कृषक प्रभावित हुए हैं। कुल 48150 हेक्टेयर फसल की क्षति की बात बतायी गयी है। मंत्री ने हालांकि मीडिया से दो टूक शब्दों में कहा कि कृषि विभाग के रिपोर्ट से वे संतुष्ट नहीं हैं। सरकार की मंशा सभी किसानों को जिनकी फसल बर्बाद हुयी है, उन्हें मुआवजा देने की है। धरातल पर इसका आकलन कर सभी किसानों को फसल क्षति का मुआवजा दिया जाएगा। इस संबंध में नए सिरे से उन्होंने कार्रवाई करने का अफसरों को निर्देश दिया है। मंत्री ने बताया कि फसल क्षतिपूर्ति के लिए जिला से 59 करोड़ 30 लाख 817 रुपये की मांग सरकार से की गयी है। तत्काल सरकार ने 11 करोड़ 93 लाख रूपये का आवंटन कर दिया है। जितनी राशि की जरूरत होगी सरकार उपलब्ध कराएगी। बैठक में मौजूद जिला कृषि पदाधिकारी उमेश चौधरी को प्रभारी मंत्री ने आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। जिला कृषि पदाधिकारी ने बैठक में यह जानकारी दी कि फसल क्षति के मुआवजे के लिए अब तक यहां पांच हजार किसानों से आवेदन प्राप्त किया गया है। बताया गया है कि आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया युद्धस्तर पर चल रही है। मंत्री ने निर्देशित किया है कि फसल क्षति के मुआवजा के वितरण की कार्रवाई जल्द से जल्द शुरु कराएं। डीएम ने बताया कि कल ही सभी जिलों के लिए राशि का आवंटन कर दिए जाने की सूचना उन्हें मुख्यालय से दी गयी है। आवंटन मिलते ही तुरंत कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके पहले सभी आवश्यक कार्रवाई जल्द से जल्द पूरा कर लेने का निर्देश उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को दिया है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी के नेतृत्व में तमाम कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार, मनरेगा कर्मियों, पंचायत सेवक एवं राजस्व कर्मचारियों को किसानों से आवेदन प्राप्त करने को लगाया गया है। आवेदन प्राप्त होने के बाद पंचायत स्तर पर गठित निगरानी समिति से स्वीकृति ली जाएगी। स्वीकृति के बाद आरटीजीएस के जरिये किसानों के खाते में सीधे राशि का हस्तांतरण कर दिया जाएगा।