..पहले मेरे पापा को लाओ फिर खाएंगे खाना
संवाद सूत्र, हाजीपुर सोनपुर सेंट्रल बैंक के अपहृत ब्रांच मैनेजर उपेंद्र कुमार की सकुशल बरामदगी की
संवाद सूत्र, हाजीपुर
सोनपुर सेंट्रल बैंक के अपहृत ब्रांच मैनेजर उपेंद्र कुमार की सकुशल बरामदगी की मांग को लेकर उनके परिजन दूसरे दिन भी उपवास पर रहे। दो दिनों से भूखे-प्यासे परिजनों की स्थिति बिगड़नी शुरु हो गयी है।
शाखा प्रबंधक की बरामदगी को लेकर उनकी पत्नी उषा कुमारी, पिता चंद्रदेव सिंह, मा महासुंदरी देवी, भाई वीरेंद्र कुमार, सत्येंद्र कुमार, बहन संगीता कुमारी और उनके छोटे-छोटे बच्चे शनिवार की सुबह से भूख हड़ताल पर डटे हैं। एक तो दो दिनों से भूखे-प्यासे, दूसरे लगातार रोने के कारण उषा कुमारी व उनके छोटे-छोटे बच्चों की हालत खराब है। वे बच्चे भी अन्न का एक दाना भी जुबान पर नहीं डाला है। उन्हें देखने आने वाले लोग खास कर बच्चों को बहला कर कुछ खिलाना चाहते हैं पर वे भी अपनी जिद पर अड़े हैं। खाना खिलाने का प्रयास करने वाले लोगों को वे बच्चे साफ कह देतें हैं कि पहले मेरे पापा को ला दो फिर वे खाना खा लेंगे। उन सबकी हालत देख कर लोगों को वहां एक पल भी ठहरना मुश्किल हो जाता है। बैंक मैनेजर उपेंद्र कुमार की पत्नी उषा की हालत पल-पल बिगड़ती देख चिकित्सकों की टीम ने उनकी स्वास्थ्य जांच की। उनके न चाहते हुए भी चिकित्सकों ने स्लाईन चढ़ाया। बताते चले कि बैंक मैनेजर उपेंद्र कुमार विगत 9 अप्रैल की सुबह अपने आवास से दिग्घी चइला चौक के पास टहलने गए थे। उसके बाद वे घर वापस नहीं लौटे। उनके पिता चंद्रदेव सिंह ने सदर थाने में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी। इस बीच पुलिस की कार्यप्रणाली से पीड़ित परिवार में असंतोष है। बैंक मैनेजर के संबंध में कोई सुराग नहीं मिलने से हताश उनके परिजनों ने शनिवार को हाजीपुर अक्षयवट राय स्टेडियम परिसर में उपवास कार्यक्रम शुरू कर दिया। परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि पुलिस अंधेरे में ही हाथ-पांव मार रही है। पुलिस अपनी विफलता छुपाने के लिए परिजनों को ही शक की निगाह से देख रही है। पुलिस की जांच बैंक के अनुसेवी पर शक करने से आगे एक इंच भी नहीं बढ़ पाई है।