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देश-विदेश में नाम रोशन कर रहीं पूर्ववर्ती छात्राएं : डा. मीरा

जागरण संवाददाता, हाजीपुर शिक्षको को गुरु के साथ पिता भी होना चाहिए। वात्सल्य के रस में घोल कर पिल

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 10:15 PM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 10:15 PM (IST)
देश-विदेश में नाम रोशन कर रहीं पूर्ववर्ती छात्राएं : डा. मीरा

जागरण संवाददाता, हाजीपुर

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शिक्षको को गुरु के साथ पिता भी होना चाहिए। वात्सल्य के रस में घोल कर पिलाई गयी शिक्षा की घूंट शिष्य के लिए अमृत समान होता है। गुरु को सेवा व समर्पण भाव से शिक्षा दान देना चाहिए। यह भाव शिक्षक-छात्र संबंध को इतना प्रगाढ़ बना देता है कि जीवन पर्यत कोई इसे भूलता नहीं।

हाजीपुर वीमेंस कालेज के वार्षिकोत्सव के दौरान प्राचार्या डा. मीरा सिंह ने अपनी छात्राओं के साथ शिक्षक-शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए यह बातें कही। गुब्बारों का गुच्छ उड़ा कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्राचार्या ने कहा कि इसी भावना के साथ यहां के शिक्षक, शिक्षिकाओं द्वारा दी जा रही शिक्षा का ही परिणाम है कि यहां से पढ़ कर निकली छात्राएं बुलंदियों के आसमां को छू रही है। देश ही नहीं विदेशों में भी कालेज की पूर्ववर्ती छात्राएं अपने कालेज, अपनी मातृभूमि का नाम रोशन कर रही हैं। कई छात्राएं इंजीनियरिंग, मेडिकल व भारतीय प्रशासनिक सेवा में है। गुरु के साथ एक मां बनकर दी जा रही शिक्षा का परिणाम है कि यहां से पढ़कर निकलने के बाद भी छात्राएं उनसे अलग नहीं हो पाती हैं। वे जहां भी होती है उनसे मार्गदर्शन मांगती है। एक बुलावे पर दौड़ी चली आती हैं। जब भी मौका मिलता है कालेज में पढ़ रही नयी बच्चियों को अपना अनुभव शेयर करने के साथ मार्गदर्शन देती हैं। उन्होंने कालेज की छात्राओं को गुरुमंत्र के रुप में संस्कृत का श्लोक, अभिवादनशीलस्य च वृद्धोपसेवनी.. का भाव बताते हुए कहा कि माता-पिता, अपने से बड़ों का सम्मान, शील, संस्कार का आचरण करने वाले की आयु, विद्या, यश और बल में वृद्धि होती है। अपने संबोधन में अतिथियों, अभिभावकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हीं के बदौलत कालेज और यहां पढ़ने वाली बच्चियों के लिए वे इतना कुछ कर पा रही हैं।

इनसेट

रंगारंग प्रस्तुति से छात्राओं ने बांधा समां

हाजीपुर : वीमेंस कालेज की छात्राएं पढ़ने-लिखने में ही नहीं खेलकूद, कला के मामले में भी वे अव्वल हैं इसकी बानगी कालेज के वार्षिकोत्सव में उन्होंने दिखाया। कालेज की छात्राओं ने भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर हाड़ कंपा देने वाली ठंड को भी जरा ठहर कर कार्यक्रम देखने के लिए विवश कर दिया। व्याख्याता सह कला निर्देशिका दीप स्मिता एवं कालेज की सीनियर छात्रा ज्योति श्रीवास्तव के संचालन में कार्यक्रम का भव्य आगाज हुआ। कालेज की छात्रा प्रियदर्शना, सुरथी, श्रेया, सिद्धि, निधि, जाहन्वी, साक्षी, सुरथी द्वितीय, अंजली, श्रेया राज, खुशबू, सूचि मित्रा, तनुजा, बबली, रितिका राज, रितु रंजना, डेजी, नंदिनी, सोनाली भारद्वाज, पारुल, श्वेता, स्नेहा, मीनाक्षी, हेना बेगम, शानो परवीन ने एक से बढ़ कर एक नृत्य, संगीत की प्रस्तुति से ऐसी छाप छोड़ी की दर्शक वाह-वाह कह उठे। दर्शक दीर्घा से तालियों का शोर रह-रह कर उठता रहा। कार्यक्रमों की कड़ी में गणेश वंदन पग-पादम, मैं तोसे बोलूं ना, अपनी दुआओं का असर देखेंगे, अशोक वाटिका प्रसंग पर आधारित पल-पल है भारी, छईयां-छईयां, हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं, साडा दिल भी तू, गोविंदा कामेडी डांस आदि ने खास तौर पर लोगों को प्रभावित किया। समारोह में अधिवक्ता चंदेश्वर प्रसाद सिंह, डा. गजेंद्र मोहन सिन्हा, डा. आनंद प्रसाद सिंह, जनार्दन सिंह, प्राचार्य जनार्दन प्रसाद सिंह, रालोसपा नेता नागेश्वर राय, नेशले इंडिया के निदेशक राजेश गुप्ता, डा. केकी कृष्ण, अशोक कुमार सिन्हा आदि गणमान्य के साथ कालेज की शिक्षिकाएं मुख्य रुप से उपस्थित थे। कालेज के सचिव राम निरंजन सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। रूप सज्जा कालेज की शिक्षिका मधु रानी व कार्यक्रम निर्देशन दीप स्मिता ने किया।


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