वहशी दरिंदे ट्रक चालक ने बच्ची को उठाया
जागरण संवाददाता, हाजीपुर
औद्योगिक थाना क्षेत्र के धनौती गांव के निकट स्थित एक होटल से एक ट्रक चालक ने एक बालिका का अपहरण कर लिया। बाद में उस बालिका को ट्रक चालक ने रामाशीष चौक के निकट फेंककर फरार हो गया। सूचना पर औद्योगिक थाना की पुलिस ने बालिका को बरामद कर सदर अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए भेजा है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।
जानकारी के अनुसार औद्योगिक थाना क्षेत्र के धनौती गांव निवासी स्व. कामेश्वर साह की पत्नी हाजीपुर-जंदाहा मार्ग पर गांव के निकट ही एक छोटी सी चाय की दुकान चलाती है। प्रत्येक दिन की भांति शनिवार को भी वह देर रात अपनी दुकान बंद कर सोई हुई थी। काफी गर्मी के कारण उसकी आठ वर्षीय पुत्री पुष्पा कुमारी (काल्पनिक नाम) अपने होटल के निकट ही बाहर बेंच पर सोई हुई थी। इसी दौरान देर रात एक ट्रक उसकी दुकान के सामने आकर रूका और सोए अवस्था में ही उस बालिका को ट्रक चालक ने अपने सहयोगी के साथ उठा कर ट्रक में रख कर फरार हो गया। संयोग से इस घटना को कुछ लोगों ने देख लिया तथा तत्क्षण इसकी जानकारी उसकी मां को दी। बच्ची को ट्रक चालक द्वारा अपहरण कर लिए जाने की घटना की जानकारी मिलते ही सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग इकट्ठे हो गए। घटना की सूचना अल सुबह औद्योगिक थाना की पुलिस को दी गई। मामले की गंभीरता देख पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस जब तक कुछ कर पाती तब तक कुछ घंटों बाद भी बालिका को रामाशीष चौक पर छोड़ दिया गया। बालिका रोते हुए अपने घर पर पहुंच कर अपने साथ घटित घटना की जानकारी अपनी मां को दी। बालिका के मिलने की सूचना पर औद्योगिक थाना की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई तथा बालिका से जानकारी प्राप्त करने के उपरांत उसे मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेजा। ज्ञात हो कि शनिवार को दिनदहाड़े ही सरेआम सैकड़ों लोगों के समक्ष बस चालक ने अपने सहयोगियों की मदद से एक युवक का बीच सड़क से अपहरण कर लिया था। उस युवक का अभी भी कुछ पता नहीं चल सका है। पुलिस प्राथमिकी का इंतजार कर रही है। जबकि उसे परिजन घटना से अनभिज्ञ अपने पुत्र के घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं। यह मामला अभी समाप्त भी नहीं हुआ है कि एक बालिका को ट्रक चालक द्वारा उठा लेने की दूसरी घटना घट गई। इन घटनाओं ने औद्योगिक थाने पुलिस की चुस्ती की पोल खोल दी है। उसकी कार्यशैली पर लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है। युवक के अपहरण के समय ही कुछ लोगों ने थानाध्यक्ष से संपर्क करने का प्रयास किया था लेकिन थानाध्यक्ष के फोन की घंटी बजती रही। उन्होंने फोन रिसीव नहीं की।