पुल निर्माण हो जाए तो सुलभ होगा आवागमन
सुपौल। किसी भी क्षेत्र के विकास में सड़क मार्ग विकास की रीढ़ मानी जाती है। जबकि प्रतापगंज प
सुपौल। किसी भी क्षेत्र के विकास में सड़क मार्ग विकास की रीढ़ मानी जाती है।
जबकि प्रतापगंज प्रखंड में फोरलेन व कुछ अन्य सड़कों को छोड़ बनाई गई सड़कों व पुलों की जर्जरता से क्षेत्र के लोगों में संबंधित विभाग के प्रति असंतोष पनपता जा रहा है। प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली अधिकांश सड़कों की स्थिति कमोबेस एक जैसी ही है। कहीं नदी के किनारों तक सड़क निर्माण कार्य वर्षो पूर्व पूर्ण
कर के छोड़ दिया गया है, तो कहीं नदी पर पुल का निर्माण नहीं हो सका है। जहां पुल भी बना दिए गए वहां सड़क व पुल की मरम्मत की सुधि लेने की विभागीय पदाधिकारियों को फुर्सत नहीं है। उदाहरण स्वरूप फोरलेन सड़क एनएच.-57 के दुअनियां चौक से श्रीपुर-दौलतपुर चौक होते हुए वीरपुर-बीहपुर एनएच-106 सड़क मार्ग के फकीरना चौक में मिलने वाली सड़क के जर्जरता का आलम यह है कि उक्त सड़क से छोटी-छोटी गाड़ियों का भी गुजरना बंद हो गया है। वर्ष 2001 में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाए गए सड़क निर्माण के पश्चात गत वर्ष कुछ दूरी तक सड़क मरम्मत का कार्य विभाग द्वारा किया भी गया। लेकिन सड़क के अधिकांश भाग एवं भेंगा घार पर निर्मित स्क्रु पाईल पुल की मरम्मत की आस आज तक क्षेत्र के लोग लगाए बैठे हैं। जर्जरता की वजह से आवागमन की उत्पन्न समस्या के कारण श्रीपुर, बतरान, दौलतपुर सहित दर्जनों गांव के लोगों को सिमराही, करजाईन, भीमनगर, बीरपुर आदि जगहों पर जाने में या फिर उधर से प्रतापगंज की दिशा की ओर आने में अन्य रास्तों से अधिक दूरी तय कर सफर करना क्षेत्र के लोगों की विवशता सी बन गई है। ग्रामीण बताते हैं कि जब प्रखंड क्षेत्र में वर्षो पूर्व सड़क मार्ग की स्थिति बेहद खराब थी, उस वक्त इस सड़क मार्ग की स्थिति चकाचक थी। अब जबकि सड़क मार्ग की महत्ता को समझते हुए सरकार सभी सड़कों की मरम्मत व नए-नए निर्माण करवा रही है, ऐसे में विभागीय उदासीनता की वजह से लोगों को हो रही कठिनाईयां खेद जनक है।