उफानाई सुरसर नदी, आवागमन हो सकता ठप
सुपौल। प्रखंड के बहुचर्चित सुरसर नदी में आये पानी के उफान से प्रखंड के सुपौल-अररिया जिले को
सुपौल। प्रखंड के बहुचर्चित सुरसर नदी में आये पानी के उफान से प्रखंड के सुपौल-अररिया जिले को जोड़ने वाली चुन्नी-सोहटा पथ सड़क के उपर से 2 फीट से अधिक पानी बहने के कारण सड़क अब टूटने के कगार पर है। इस सड़क के टूटने से प्रखंड सहित अररिया जिले के कई गांव का आवागमन ठप हो सकता है। मालूम हो कि चुन्नी सोहटा पथ से सुपौल जिले ही नहीं बल्कि अररिया जिला के मुख्य मार्ग जो छातापुर और चुन्नी के बीच टूटने के कगार पर है। इससे प्रखंड के रामपुर पंचायत के आठ वार्ड, कटहारा, सोहटा, झखाड़गढ़ के पांच वार्ड, चुन्नी, महम्मदगंज, ग्वालपाड़ा, चरणें, राजेश्वरी पूर्वी आदि पंचायत एवं गांव के 50 हजार से अधिक की आबादी इससे प्रभावित हो सकता है जबकि अररिया जिला के मिरदौल, कुशमौल, गौखलापुर, फतेहपुर सहित नरपतगंज प्रखंड के हजारों की आबादी पर भी असर पड़ सकता है। यहां बता दे कि सुरसर नदी के बाध क्षतिग्रस्त रहने के कारण नदी का पानी जहां मुख्य सड़क को बाधित कर रहा है वहीं गांव के किसानों के फसल को बर्बाद कर रहा है। प्रखंड के नौ पंचायत ठुठी, भीमपुर, जीवछपुर, माधोपुर, रामपुर, झखाझगढ़, छातापुर, डहरिया, घीवहा इन सभी पंचायत को भी खासकर सुरसर नदी के जलस्तर से जहां फसल का नुकसान हो रहा है। वहीं नदी और नहर के किनारे बसे छोटे-छोटे महादलित बस्ती में घर घर पानी घुस जानें के कारण लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। खास असर तो मवेशियों के लिए हो गया है। चूंकि गांवों के चारों ओर पानी फैल जाने के कारण चारा लाना भी असंभंव हो गया है। बाढ़ की खबर फैलते ही लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। मवेशी मालिक द्वारा उंचे स्थान की तलाश जारी कर दी गई है। इस बावत जिप सदस्य सुशीला देवी एवं पूर्व बीस सूत्री अध्यक्ष उपेन्द्र प्रसाद सिंह के पहल पर ग्रामीण विकास पदाधिकारी परवेज आलम, अंचलाधिकारी लाला प्रमोद श्रीवास्तव ने विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर बाढ़ का जायजा लिया। इसी क्रम में टूट रहे चुन्नी सोहटा पथ का भी निरीक्षण भी दोनों अधिकारियों ने किया। मौके पर पहुंचे चुन्नी मुखिया सदानन्द चैधरी ने चुन्नी के वार्ड नंबर 1 महादलित टोला जो सुरसर नदी के कटाव से बेघर हो रहे महादलित परिवार के बारे में दोनों पदाधिकारी द्वय ने महादलित टोला पहुंचकर पीड़ित परिवारों का जायजा लेते हुए तत्काल आश्वासन दिया कि नदी में विलीन सड़क के जगह तत्काल नाव की व्यवस्था की जाएगी। नदी के तेज धारा से कट रहे बस्ती के बचाव के लिए उच्चाधिकारी से संपर्क कर तत्काल बांस एवं बोरा पायालिंग के माध्यम से बस्ती को बचाया जाएगा।