नियोजन मेला उपलब्ध करा रहा रोजगार का अवसर
सुपौल। विकासशील देशों की एक सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है। भारत भी इससे अछूता नहीं। स्वतंत्रता प्र
सुपौल। विकासशील देशों की एक सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है। भारत भी इससे अछूता नहीं। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सरकार की नियोजन नीति संगठित क्षेत्र के इर्द-गिर्द घूमती रही है। जिसके कारण आज भी बेरोजगारों में सरकारी नौकरी के प्रति रुचि व लालसा अधिक है। जबकि सच्चाई है कि दो दशक से वैश्वीकरण एवं आर्थिक सुधार के कारण जहां असंगठित क्षेत्र में नियोजन के अवसर फल फूल रहे हैं। वहीं संगठित क्षेत्र में नियोजन के अवसर सिकुड़ते रहे हैं। वर्तमान सरकार ने यह अनुभव किया है कि असंगठित क्षेत्रों में नियोजन के अवसरों से अधिक से अधिक लाभ उठाया जाए एवं प्रदेश के बेरोजगारों को ऐसा अवसर प्रदान किया जाए जिसका वे समुचित लाभ उठा सके। सरकार आपके द्वार नीति पर चलते हुए सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अब असंगठित श्रोतों से अत्यधिक नियोजन के अवसर को राज्य के सुदूर क्षेत्रों तक ले जाया जाए। ताकि राज्य के गरीब, विशेषकर ग्रामीण बेरोजगार जो गरीबी के कारण नौकरी की खोज में दूर तक नहीं जा सकते। उनके द्वार पर नियोजन का अवसर उपलब्ध कराया जाय। सरकार के इसी नीति परिणाम स्वरूप नियोजन सह मार्ग दर्शन मेले का शुभारंभ किया गया। पहले यह प्रमंडल स्तर पर था। किन्तु इसकी सफलता को देख इसे जिला स्तर पर भी शुरू किया गया है। जहां तक सुपौल जिले की बात है तो 2011 से 1 जून 2016 तक जिले के 7 हजार 4 सौ 71 युवाओं को नियोजन सह मार्ग दर्शन मेला के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं। 2011 में 3 हजार 581 आवेदकों ने अपना बायोडाटा रोजगार मेले में उपलब्ध कराया। जिसमें 2 हजार 1 सौ 6 आवेदकों का चयन किया गया। 2012 में 1512 आवेदकों ने बायोडाटा जमा किया। 798 का चयन हुआ। 2013 में 1901, 2014 में 1819, 2015 में 5 हजार 2 सौ 53 आवेदकों ने अपना-अपना बायोडाटा जमा किया। जिसके विरुद्ध क्रमश: 994, 1224 व 1834 का चयन किया गया। 1 जून 2016 को आईटीआइ मैदान में आयोजित रोजगार सह मार्ग दर्शन मेले में 970 अभ्यर्थियों ने अपना-अपना बायोडाटा जमा किया। जिसमें 5 सौ 15 अभ्यर्थियों का चयन किया गया।
क्या है प्रक्रिया
नियोजन सह मार्ग दर्शन मेले में अभ्यर्थी अपने-अपने शैक्षणिक योग्यता के साथ अपना-अपना बायोडाटा जमा करते हैं। मेले में आये विभिन्न नियोक्ता कंपनियों द्वारा इन अभ्यर्थियों में से नियोजन के लिए अभ्यर्थियों का चुनाव किया जाता है। चुनाव उपरांत कंपनी की शर्तो के मुताबिक उनसे काम लिया जाता है और उसके एवज में वेतन व अन्य सुविधाएं दी जाती है। नियोजनालय की इसमें भूमिका महत्वपूर्ण होती है।