Move to Jagran APP

विभाग सख्त, शिक्षा योजनाओं में नहीं चलेगी मनमानी

सुपौल। मुख्यमंत्री पोशाक व बालिका पोशाक योजना के अंतर्गत अब घपला करना आसान नहीं होगा। वित्तिय वर्ष 2

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 04:54 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 04:54 PM (IST)

सुपौल। मुख्यमंत्री पोशाक व बालिका पोशाक योजना के अंतर्गत अब घपला करना आसान नहीं होगा। वित्तिय वर्ष 2016-17 के अंतर्गत बच्चों को पोशाक की राशि देने से पूर्व विभाग के सचिव जीतेन्द्र श्रीवास्तव ने संकुल समन्वयक व आरएमएसएस के साधन सेवियों के अलावा विभागीय अधिकारियों व प्रखंड साधन सेवियों की जवाबदेही तय कर दी है। या यूं कहे कि उन्हें इसके लिए जवाबदेह बना दिया गया गया है। जाहिर सी बात है कि 75 प्रतिशत की उपस्थिति पर तो योजना का लाभ बच्चों को देना है। लेकिन इसके पूर्व स्कूल द्वारा उक्त उपस्थिति के आधार पर राशि मांग पत्र के सत्यापन की व्यवस्था सचिव ने कर दी है। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को जारी पत्र में उन्होंने प्रारंभिक विद्यालयों के लिए संकुल समन्वयकों के माध्यम से उनके क्षेत्राधीन सभी प्रारंभिक विद्यालयों द्वारा दिये जा रहे मांग पत्र में वर्णित छात्रों की संख्या, उनके अभिभावकों के नाम तथा खाता संख्या आदि के भौतिक सत्यापन करने के लिए कहा है। यही नहीं सत्यापन के पश्चात अगर किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो उनके लिए ये संबंधित जांच पदाधिकारी व कर्मी जिम्मेवार ठहराये जाएंगे।

loksabha election banner

10 से 15 विद्यालयों का सत्यापन करेंगे बीआरसी

पत्र में प्रखंड संसाधन केन्द्र के साधनसेवियों को भी प्रखंड अंतर्गत 10 से 15 प्रारंभिक विद्यालयों के मांग पत्र की भौतिक सत्यापन करने को कहा गया है। यही नहीं बिहार शिक्षा परियोजना के जिला स्तरीय प्रारंभिक औपचारिक शिक्षा समन्वयक हर प्रखंड के कम से कम 5 विद्यालयों के मांग पत्रों की सत्यापन करेंगे।

डीपीओ एसएसए व लेखा योजना भी करेंगे सत्यापन

इसके अलावा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान व जिला कार्यक्रम योजना व लेखा द्वारा कम से कम 20-20 विद्यालयों के मांग पत्रों के भौतिक सत्यापन का निर्देश दिया गया है। इसी तरह बिहार माध्यमिक शिक्षा अभियान के साधन सेवियों को जिले के सभी माध्यमिक विद्यालयों के मांग पत्रों का भौतिक सत्यापन करने के लिए कहा गया है।

डीईओ व डीपीओ भी होंगे जिम्मेवार

यहीं नहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी 10 प्रारंभिक व 10 माध्यमिक विद्यालयों तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षक द्वारा 15 से 20 विद्यालयों के मांग पत्रों के भौतिक सत्यापन का निर्देश दिया गया है। पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि सत्यापन के बाद अगर किसी तरह की गड़बड़ी या शिकायत पाई जाती है तो संबंधित पदधारक इसके लिए जिम्मेवार होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.